मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से देश भर में 12 करोड़ से अधिक लोगों ने अब तक अपनी नौकरियां गंवा दी हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसे लोगों को तीन महीने तक कम से कम 7500 रुपये बैंक खाते में दिए जाएं ताकि वे जीवन यापन कर सकें।
येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को पत्र लिखकर यह मांग की। उन्होंने अपने पत्र में कोरोना से लड़ने के लिए जमीनी स्तर पर कई कदम उठाने की तरफ दूसरी बार उनका ध्यान दिलाया है। कुछ दिन पहले भी उन्होंने पीएम मोदी को इस तरह का एक पत्र लिखा था। येचुरी ने अपने पत्र में लिखा है कि वह दोबारा यह पत्र लिखने को मजबूर हुए हैं क्योंकि पिछले पत्र में गरीब लोगों के लिए जो सुझाव उन्होंने दिए थे उसे अमल में नहीं लाया गया।
यहां तक कि उनके पत्र का जवाब तक नहीं दिया गया। अब फिर वह अपनी बात कहने के लिए यह पत्र लिख रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोरोना के कारण जब से लॉकडाउन हुआ है, मार्च से अप्रैल तक बेरोजगारी दर 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 23.64 प्रतिशत हो गई है और इस तरह 12 करोड़ 20 लाख लोगों ने अपनी नौकरियां गंवा दी है। फरवरी से मॉर्च के बीच बेरोजगारों की संख्या तीन करोड़ 40 लाख से बढ़कर आठ करोड़ 80 लाख हो गई है।
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उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि जब मोदी सरकार बैंक से लोन लेने वाले कॉरपोरेट के लोगों की 7.76 लाख रुपए की राशि माफ कर सकती है तो वह कोरोना के कारण पलायन करने वाले मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के लोगों की देखभाल के लिए खर्च क्यों नहीं कर सकती है और स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा विकसित क्यों नहीं कर सकती है। माकपा नेता ने मोदी से सरकार की फिजूलखर्ची रोकने, बुलेट ट्रेन तथा बड़ी-बड़ी मूर्तियां लगाने की परियोजना आदि को बन्द करने की मांग की है।