भोपाल : ज्योतिरादित्य सिंधिया एक सफल राजनेता और जन सेवक के रूप में पूरे देश में जाने जाते हैं। सिंधिया फाउंडेशन के जरिए लोगों के जीवन में उजियारा करने वाले ज्योतिरादित्य को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह देकर देश सेवा का अवसर प्रदान किया है। कोरोना काल में जिस तरह बेसहारा लोगों का सहारा बने सिंधिया उन्हें इसका फल तो मिलना ही था। मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे सिंधिया ने देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए अथक प्रयास किए जिसमें वह सफल भी साबित हुए।
ऊर्जा मंत्रालय में सिंधिया की कार्य योजना और दूरदर्शिता से भाजपा को भी बहुत लाभ हुआ क्योंकि जब मोदी सरकार बनी तो बिजली के मामले में देश आत्मनिर्भर हो चुका था। कांग्रेस में एक लंबी सफल पारी खेलने के बाद जब उन्हें लगने लगा कि कांग्रेस में कमलनाथ और दिग्ज्विजय सिंह का खेमा उन्हें साइडलाइन करने में लगा है तो उन्होंने तगड़ा झटका देते हुए कांग्रेस को दो फाड़ कर दिया और कई विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
श्री सिंधिया के करियर की बात की जाए तो उन्होंने पिता के कदमों पर चलते हुए सीधे राजनीति में प्रवेश नहीं किया था। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में उन्होंने जन जन तक पहुंचने के लिए सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया जिसका लाभ पार्टी को भी मिला और उन्हें भी।
सिंधिया का करियर :-
विश्व के जाने-माने विश्वविद्यालय हावर्ड यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड ग्रैजुएट स्कूल आफ बिजनेस सिंधिया ने मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की शिक्षा प्राप्त की है। साल 2001 में पिता की मौत के बाद विदेश से लौटकर आए और 2002 में पारंपरिक गुना सीट पर शानदार जीत हासिल कर संसद पहुंचे। इसके बाद साल 2004 में भी इसी सीट से जीत हासिल की। तब 6 अप्रैल 2008 को ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री बनाया गया था। इसी प्रकार 2009 के आम चुनाव में भी जीत हासिल करके संसद पहुंचे। और मनमोहन सिंह की सरकार में श्री सिंधिया को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री का प्रभार दिया गया था।
कांग्रेस में गुटबाजी के कारण 2019 में हार गए थे लोकसभा चुनाव :-
साल 2014 में भी मोदी लहर के बावजूद सिंधिया ने आम चुनाव में जीत हासिल की। लेकिन 2019 के आम चुनाव में पार्टी में गुटबाजी के कारण सिंधिया अपने ही सहयोगी रहे केपी यादव से चुनाव हार गए। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार सिंधिया के चुनाव में उनकी पार्टी के लोगों द्वारा भितरघात किया गया जिससे वह बहुत नाराज थे। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में ही एक गुट लगातार साइन लाइन करने की साजिश रचते रहा। आखिरकार उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली और अब करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद केंद्र में श्री सिंधिया को एक बार फिर मंत्री बनाया गया है।
मोदी सरकार के नए मंत्रिमंडल की सूची एवं उनके विभाग :-