नई दिल्ली : एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमारी सरकार में राज्य की कुर्सियां पैसे से नहीं दी गई हैं। 20 महीने की सरकार में हमने ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग को बंद किया। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का पहला दायित्व होता है, वह कानून का राज स्थापित करे। हम राज्य की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में सफल साबित हुए हैं।
देश के टॉप-10 अच्छे थानों में उत्तराखंड के 2 थाने शामिल है। रावत ने कहा कि सरकार में आने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता थी कि माफियाओं से राज्य को बचाना। ब्लैकमेलर्स के दबाव में नहीं आना। विकास की संभावनाओं को तलाशना। हमने खनन में पिछले सरकार की तुलना में दोगुना 820 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया। ऊर्जा के क्षेत्र में 287 करोड़ का घाटा था।
अपनी सरकार के पहले साल में इस घाटे में 237 करोड़ कम किया। प्रदेश में करीब 22 हजार हड़ताल और आंदोलन चल रहे थे, सबका समाधान किया गया। पर्यटन के क्षेत्र में किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए उत्तराखंड के सीएम ने कहा कि हमारे राज्यों में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में निवेश के लिए एक महीने के अंदर हमने पांच कैबिनेट बैठक की और उद्योगों के लिए नीतियां बनाई। पिछले 17 सालों में 37 हजार करोड़ का निवेश हुआ था लेकिन हमारे समिट के बाद निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित हैं। करीब एक लाख 25 हजार करोड़ निवेश का एमओयू साइन हुआ है।
मार्च, 2019 तक करीब 34 करोड़ रुपए निवेश भी हो जाएगा। अब निवेशक तराई ही नहीं पहाड़ी क्षेत्रों में भी निवेश कर रहे हैं। राज्य से हो रहे पलायन के सवाल पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमने पलायन आयोग का गठन किया है। अल्मोड़ा और पौड़ी में सबसे ज्यादा पलायन हुआ है। हम गांव-गांव घर-घर जाकर आंकड़े जुटा रहे हैं। हम पलायन को रोकने के लिए काम कर रहे हैं।