हरियाणा विधानसभा चुनावों की एग्जिट पोल में सत्तारुढ़ भाजपा की जीत की भविष्यवाणियों को अनदेखा करते हुए हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने मंगलवार को जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस ही राज्य में अगली सरकार बनाएगी। उन्होंने 90 विधानसभा सीटों में से 45 से अधिक पर जीत हासिल करने के विश्वास के साथ कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी हरियाणा में अगली सरकार बनाने जा रही है।’’ यह पूछे जाने पर कि वह कांग्रेस की जीत को लेकर इतनी आश्वस्त कैसे हैं, शैलजा ने कहा कि राज्य भर में उम्मीदवारों को मिले सहयोग ने उन्हें यह भरोसा दिलाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से भाजपा ने हरियाणा के लोगों की समस्यायों को नजरअंदाज करते हुए इस (जनमत) अभियान को चलाया है, उसने अपनी हार का रास्ता तैयार कर लिया है। मुझे लगता है कि लोगों को अब होश आ गया है। भाजपा ने लोगों का ध्यान राष्ट्रीय मुद्दों की ओर आकर्षित किया लेकिन बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, किसानों के संकट, बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर बात नहीं की।
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एग्जिट पोल में हरियाणा में भाजपा की जीत के अनुमानों पर शैलजा ने कहा कि वह इस तरह की भविष्यवाणियों में विश्वास नहीं करती हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ लोग मतदान से पहले ही जनमत सर्वेक्षण दिखा रहे थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि कांग्रेस हरियाणा में चुनाव जीतकर सरकार बनाएगी। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने जैसे अन्य राष्ट्रीय मुद्दों को बार-बार इसलिए उठाया क्योंकि सत्तारुढ़ पार्टी को अपने कामों और अपनी सरकार को लेकर पूरा आत्मविश्वास नहीं था।
भाजपा ने पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को प्रचार के लिए भेजा लेकिन उनमें से किसी ने भी स्थानीय मुद्दों पर बात नहीं की। उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान किए गए कामों के बारे में बात नहीं की। मतदान के दौरान कुछ स्थानों पर ईवीएम की गड़बड़ी की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि उन्हें खुद महसूस हुआ कि मशीन का बटन दबाने पर वोट डालने में सामान्य समय से अधिक समय लग रहा था।
ईवीएम पर संदेह जताते हुए उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर सोशल मीडिया पर वायरल असंध विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी बख्शीश सिंह वर्क के ईवीएम को लेकर विवादित बयान वाले एक वीडियो का जिक्र किया। उस वीडियो के संदर्भ में चुनाव आयोग ने विर्क को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही ‘‘सुधारात्मक कदम’’ उठाने के लिए एक विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। हालांकि विर्क ने दावा किया था कि वायरल किया गया वीडियो नकली था और उन्होंने कभी ईवीएम के बारे में कुछ नहीं कहा।