मशहूर शेफ विकास खन्ना पिछले 26 साल से रमजान के महीने में एक दिन रोजा रखते हैं। आपको बता दे कि वह ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि 1992 के मुंबई दंगों में एक मुस्लिम परिवार ने उनकी जान बचाई थी। इस साल उनकी मुलाकात फिर से उस परिवार से हो गई और इससे खन्ना काफी खुश है।
सोमवार को उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उस परिवार को ढूंढकर वह काफी खुश हैं और इस बार अपना रमजान उनके साथ पूरा करेंगे। मंगलवार की रात मुंबई में उन्होंने इस परिवार के साथ मुंबई में इफ्तार किया और कहा कि यह एक शानदार शाम है। उन्होंने कहा कि आंसू, गर्व, मानवता और गौरव सबकुछ इस शाम एक साथ महसूस हुआ।
शेफ विकास खन्ना ने इससे पहले एक चैनल को दिये साक्षात्कार में बतलाया था कि साल 1992 में एक दिन जब वो मुंबई स्थित ‘SeaRock Sheraton’ की रसोई में प्रशिक्षण ले रहे थे तभी वहां दंगा भड़क गया। उन्होंने बतलाया था कि दंगे के बाद पूरा शहर धधकने लगा और उनके साथ रसोई में मौजूद कई लोग होटल में ही फंस गए। दंगों के दौरान वहां कर्फ्यू लग गया।
एक दिन उन्होंने यह अफवाह सुनी कि मुंबई के घाटकोपर इलाके में स्थिति काफी बिगड़ चुकी है। जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं। विकास परेशान हो गए, होटल से बाहर निकलकर घाटोकोपर की तरफ चल दिए क्योंकि वे अपने भाई के साथ इसी इलाके में रहते थे। भाई के लिए चिंतित विकास को मुंबई के रास्ते समझ नहीं आ रहे थे।उन्होंने बताया था कि, भटकता देख एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें दंगाइयों के प्रति आगाह किया और घर के अंदर आने को कहा। कुछ ही देर बीती होगी कि दंगाइयों की एक भीड़ उस घर पर आई और विकास के बारे में पूछा।
मशहूर शेफ ने बताया कि उस परिवार के लोगों ने दंगाइयों से कहा- ये हमारा बेटा है। विकास ने कहा कि मैं उनके घर पर 2 दिन रहा। मैं कहां था और किसके साथ था इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। उस परिवार के लोगों ने मेरे भाई को खोजने के लिए अपने रिश्तेदार भेजे। सौभाग्य से मेरा भाई बिल्कुल सुरक्षित था। मशहूर शेफ ने बताया कि उस साल के बाद से मैं हर साल रमजान में एक रोजा रखता हूं।
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