18 साल से कम उम्र की मुस्लिम लड़की कर सकती है शादी : HC - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

18 साल से कम उम्र की मुस्लिम लड़की कर सकती है शादी : HC

लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर उठते सवालों के बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम लड़की 18 साल से कम उम्र होने पर शादी कर सकती है।

लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर उठते सवालों के बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम लड़की 18 साल से कम उम्र होने पर शादी कर सकती है। लड़की जिस लड़के से चाहे शादी करे, परिवार कानूनी रूप से दखल नहीं दे सकता है। हाई कोर्ट ने मुस्लिम धार्मिक पुस्तकों और विभिन्न अदालतों के निर्णयों को आधार बनाकर दिए गए अपने फैसले में कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र की मुस्लिम लड़की मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत किसी से भी शादी करने को स्वतंत्र है।
जस्टिस अलका सरीन ने यह फैसला दिया, जिनके सामने मोहाली के एक मुस्लिम प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग संबंधी याचिका दायर की थी।
मोहाली में एक मुस्लिम लड़की को 36 साल के युवक से प्रेम हो गया। युवती की उम्र 17 साल है। परिवार को इससे आपत्ति थी और उनहोंने कहा कि लड़की अभी नाबालिग है। 
दोनों ने 21 जनवरी को मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार निकाह किया था। परिवार से धमकियां मिलीं तो दोनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। याची पक्ष की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि मुस्लिम कानून में युवावस्था ही निकाह का आधार है।
 इस्लाम के अनुसार 15 वर्ष की उम्र को युवावस्था माना जाता है और लड़की या लड़का शादी के लिए योग्य होते हैं। हाई कोर्ट ने सर डी. फरदुनजी मुल्ला की पुस्तक प्रिसिपल्स आफ मोहम्मदन लॉ का हवाला देते हुए कहा कि युवा हो चुका मुस्लिम लड़का या मुस्लिम लड़की, जिसे वह पसंद करते हैं उससे शादी करने के लिए स्वतंत्र हैं। अदालत ने कहा कि जैसा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा तय किया गया है, उसके हिसाब से याचिकाकर्ता विवाह योग्य उम्र के हैं। उनको किसी की सहमति की जरूरत नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen + seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।