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विधेयक पर मत विभाजन-कांग्रेस विधायकों के हस्ताक्षरों के सत्यापन पर विचार कर रही है BJP

मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के कुल 114 विधायक हैं और चार निर्दलीय, दो बसपा एवं एक सपा विधायकों ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया है।

मध्य प्रदेश बीजेपी ने रविवार को कहा कि वह चार दिन पहले एक विधेयक पर हुए मत विभाजन में कांग्रेस विधायकों के हस्ताक्षरों का सत्यापन करवाने के लिए प्रदेश के राज्यपाल से शिकायत करने पर विचार कर रही है। इस विधेयक में बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिससे बीजेपी तिलमिलाई हुई है। 
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बताया, ‘‘हमें पता चला है कि बुधवार शाम को दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2019 पर मत विभाजन के दौरान सदन में कांग्रेस के करीब 8 से 12 विधायक मौजूद नहीं थे, लेकिन उन्होंने भी इस मतदान में भाग लिया था।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि कांग्रेस के इन विधायकों के हस्ताक्षर फर्जी हैं। इसके अलावा, मत विभाजन की प्रक्रिया का वीडियो भी नहीं बनाया गया है।’’ भार्गव ने कहा, ‘‘अभी हम संविधान द्वारा प्रदत्त राज्यपाल की शक्तियों का अध्ययन कर रहे हैं और इसके बाद राज्यपाल से शिकायत कर अनुरोध करेंगे कि कांग्रेस के उन विधायकों के हस्ताक्षरों को सत्यापित करवाएं, जिन्होंने सदन में बिना मौजूदगी के मत विभाजन में हस्ताक्षर किए हैं।’’ 
उन्होंने सवाल किया कि जब कांग्रेस के 8 से 12 विधायक सदन में मौजूद नहीं थे, तो कांग्रेस को 122 मत कैसे मिले? मालूम हो कि मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के कुल 114 विधायक हैं और चार निर्दलीय, दो बसपा एवं एक सपा विधायकों ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया है। 
इस प्रकार कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है। इस विधेयक पर विधानसभा अध्यक्ष ने मतदान नहीं किया था। इस प्रकार कांग्रेस के पास कुल 120 वोट हुए। इनके अलावा, इस विधेयक पर बीजेपी के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन सत्तारूढ़ पक्ष में किया था। 

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