ग्वालियर : संस्कृत को समाज में किस प्रतिष्ठापित करें तथा इससे समाज को कैसे लाभ मिले, इसको लेकर तीन दिवस तक चले अखिल भारतीय भवभूति समारोह में पधारे संस्कृत के विद्वानों का सम्मान करना नगर निगम के लिए गौरव की बात है। उक्ताशय के विचार महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने आज भवभूति समारोह के समापन अवसर पर संस्कृत विद्वानों के सम्मान के अवसर पर व्यक्त किए। भवभूति शोध एवं शिक्षा समिति ग्वालियर,
कालीदास संस्कृत अकादमी उज्जैन एवं जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के तत्वाधान में प्रतिवर्ष भवभूति समारोह आयोजित किया जाता है इस समारोह में देश भर से आये संस्कृत के विद्धानों एवं साहित्यकारों का सम्मान नगर निगम ग्वालियर द्वारा किया जाता है इसी तारतम्य में आज तीन दिवसीय भवभूति समारोह के समापन अवसर पर नगर निगम ग्वालियर द्वारा विद्धानों का सम्मान एवं भोज कार्यक्रम जीवाजी विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया।
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने सभी विद्धानों का सम्मान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता भवभूति शोध एवंशिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. सीताराम शर्मा ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में उपनिदेशक कालीदास अकादमी उज्जैन डॉ. संतोष पांडया, पूर्व अध्यक्ष भवभूति समिति डॉ. रविशंकर दीक्षित, सचिव भवभूति समिति डा. मनीष खेमरिया, अधिष्ठाता छात्र कल्याण जीवाजी विश्वविद्यालय केशव सिंह गुर्जर सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा आज नगर निगम की ओर से भवभूति समारोह में देशभर से पधारे साहित्यकारों एवं संस्कृत के विद्वानों का शाॅल, श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर डॉ. विष्णु नारायण तिवारी द्वारा भवभूति समारोह के आयोजन के उददेश्य एवं तीन दिवसीय कार्यक्रम में आयोजित हुई संगोष्ठी के बारे में जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर डॉ. सीताराम शर्मा द्वारा भी संस्कृत के विस्तार को लेकर उदबोधन दिया गया।
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