मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच बीजेपी नेता संजय पाठक ने कांग्रेस में जाने की अटकलों को खारिज करते हुए खुद के अपहरण का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने खुद की जान को भी खतरा बताया है। राज्य की विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक संजय पाठक ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए अपना बयान जारी किया।
वीडियो में उन्होंने कहा, मीडिया में दिखाई जा रही मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार देर रात उनकी और मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुलाकात की खबरों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि वह बीजेपी के साथ हैं। इस बयान में प्रदेश के सबसे धनी विधायक पाठक ने कहा, ‘‘किसी भी तरह का भ्रम न फैलाएं, मैं बीजेपी के साथ था, बीजेपी के साथ हूं और हमेशा बीजेपी के साथ ही रहूंगा। पूरे प्रदेश के लोग देख रहे हैं कि मेरे साथ क्या हो रहा है। बस इतना ख्याल रखना कि कहीं मैं मारा नहीं जाऊं। ये लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए मुझे मार कर कहीं भी फेंक सकते हैं।’’
पूर्व मंत्री श्री @SanjayPathak3 ने बताया कि
उनके बारे में भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह लोग मेरी जान भी ले सकते हैं (कौन लोग सुनिए )
मैं भाजपा में हूं और भाजपा में ही रहूंगा pic.twitter.com/zO4w1rVrIU— लोकेन्द्र पाराशर Lokendra parashar (@LokendraParasar) March 6, 2020
बीजेपी विधायक ने यह भी कहा कि वर्तमान में वह अपने परिवार की चिकित्सा में व्यस्त हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि मैं गुरुवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनके आवास पर मिला था। इस मामले में मीडिया में जो तस्वीर दिखाई जा रही है वह गलत है। उस तस्वीर में चेहरा ढंकने वाला व्यक्ति मैं नहीं हूं।’’
इससे पहले बुधवार को बीजेपी नेताओं द्वारा कथित तौर पर प्रदेश कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के बीच सरकार ने आदेश जारी कर पाठक की कंपनी की लौह अयस्क खदानों को बंद करने के आदेश जारी किए। संजय पाठक पूर्व में कांग्रेस के विधायक थे, बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासन काल में मंत्री भी रहे।
गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संजय पाठक, शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के पांच नेताओं का नाम लेकर उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए जिम्मेदार बताया। शुक्रवार सुबह भोपाल एयरपोर्ट पर दिग्विजय सिंह ने संजय पाठक के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर कहा कि बीजेपी विधायक पाठक के पिता सत्येंद्र पाठक उनके मित्र हैं और उनके मंत्रिमंडल (दिग्विजय 1993 से 2003) में मंत्री थे। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे दोस्त का बेटा है लेकिन पैसा कमाने के बाद वह रास्ता भटक गया।’’