महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा के बजट सत्र से पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ यहां अपने आधिकारिक निवास में रविवार को बैठक की। राज्य के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि तीनों के बीच संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के “विवादित हिस्सों” के बारे में केंद्र से बात करने पर सहमति बनी है।
यह बैठक ठाकरे के हालिया बयान की पुष्ठभूमि में हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें एनपीआर से कोई समस्या नहीं है और किसी को भी सीएए से डरना नहीं चाहिए। इन मुद्दों पर शिवसेना का रुख राकांपा और कांग्रेस से अलग प्रतीत होता है जो महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार में गठबंधन की उसकी सहयोगी हैं। नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास ‘वर्षा’ में रविवार को हुई बैठक दो मुद्दों पर केंद्रित थी – राज्य में सीएए, एनपीआर और एनआरसी लागू करने तथा सोमवार से शुरू हो रहे बजट सत्र पर।
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नाम उजागर न करने की शर्त पर नेता ने कहा, “सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विवादित हिस्सों के बारे में केंद्र से बात करने पर सहमति बनी है। नेताओं ने बजट सत्र में उठाए जाने वाले संभावित मुद्दों पर भी चर्चा की। तीन दलों की सरकार ऐसे मुद्दों से बचने की कोशिश कर रही है जो बजट सत्र के दौरान गठबंधन को नुकसान पहुंचाएं।” शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद ठाकरे ने कहा था कि किसी को भी सीएए से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह किसी को देश से बाहर करने के बारे में नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा था कि देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि एनआरसी मुस्लिमों के लिए “खतरनाक” है, लेकिन कहा कि महाराष्ट्र में एनआरसी की प्रक्रिया नहीं होगी। बाद में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात की थी।