विश्व को शांति का पाठ पढ़ने वाले गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव में प्रमुख दलों के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व कांग्रेसी विधायक विजय कुमार दूबे को टिकट देकर भरोसा जताया है। वह अपने स्तर से जी तोड़ मेहनत कर नेतृत्व के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिशों में लगे हैं।
चुनाव की घोषणा से ठीक पहले रणनीति के तहत प्रदेश सरकार ने राजेश्वर सिंह, यशवंत सिंह, लालबाबू वाल्मीकि को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। दो कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और सूर्यप्रताप शाही के अलावा भाजपा के तीन विधायक हैं। इस सीट पर इन सभी नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे पडरौना राज परिवार के आरपीएन सिंह को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। आरपीएन सिंह की गिनती कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकारों में होती है। वह झारखंड के प्रभारी के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में यह सीट कांग्रेस पार्टी के लिए प्रतिष्ठा की हो गई है।
इस सीट के परिणाम को गांधी परिवार से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही अपनी छवि के चलते मोदी लहर में भी सेवरही से विधायक चुने जाने वाले विधान मंडल दल के नेता विधायक अजय कुमार लल्लू की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन प्रत्याशी नथुनी प्रसाद कुशवाहा को सपा नेतृत्व ने काफी सोच विचारकर टिकट दिया है। नथुनी प्रसाद कुशवाहा गठबंधन के परंपरागत वोट की थाती दिखा अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी रामअवध यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी और पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह के अलावा बसपा के नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।