कमलनाथ कैबिनेट ने नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने का संकल्प पारित करने के बाद अब दूसरा बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लागू करने से इंकार किया है। सरकार ने साफ कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना जारी होने के बाद जिस तरह का संशय बना है, उसके बाद सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।
जबकि प्रदेश सरकार ने 9 दिसंबर 2019 को जारी अधिसूचना के मामले पर कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में एनपीआर की अधिसूचना जारी होने के बाद सीएए जारी किया है और सरकार का मत है प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा। इधर प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं की गई है।
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उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जारी एनपीआर की अधिसूचना नागरिकता संशोधन अधिनियम-1955 की नियमावली 2003 के नियम 3 का तहत है। बावजूद इसके सरकार ने अब तय किया है कि फिलहाल प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।