बिहार के तीन बड़े नेताओं की सुरक्षा में कटौती की बात सामने आ रही है। राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी के अलावा जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव समेत देश के कुल आठ वीवीआईपी नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है।
लालू को दी गई NSG सुरक्षा भी तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है। गौरतलब है कि Z कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त किसी नेता को NSG की अतिरिक्त सुरक्षा नहीं मिल सकती है। इसी प्रकार केंद्र सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को मिली Z+ कैटेगरी की सुरक्षा खत्म कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि मांझी को अब किसी भी कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान नहीं की जाएगी।
Z+ कैटेगरी के तहत जीतन राम मांझी को जो CRPF की सुरक्षा मिली हुई थी वह वापस लेने का आदेश दिया गया है। केंद्र सरकार ने लालू और जीतन राम मांझी की सुरक्षा में कमी करने का फैसला 23 नवंबर को लिया और इस बात की जानकारी बिहार पुलिस के आला अधिकारियों को दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक लालू को Z कैटेगरी सुरक्षा के तहत अतिरिक्त CRPF कि सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार के इस नए निर्देश का सबसे ज्यादा असर जीतन राम मांझी पर पड़ा है। क्योंकि उनके पास अब किसी भी कैटेगरी की सुरक्षा नहीं है और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ बिहार पुलिस पर ही भरोसा करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि जीतन राम मांझी गया जिला के नक्सल प्रभावित विधानसभा इमामगंज से विधायक हैं। इसी वजह से उन्हें Z+ कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई थी। सूत्रों के मुताबिक लालू ने पिछले कुछ वक्त से केंद्र सरकार के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए हैं और प्रधानमंत्री मोदी का कड़ा विरोध किया है। इसी वजह से उन्हें भी इस बात की आहट जरूरत थी कि केंद्र सरकार उनकी सुरक्षा में कमी कर सकता है।