रायपुर:राज्य विधानसभा का विशेष सत्र 22 सितंबर को आहुत किया गया है। राज्य में किसानों को बोनस देने के लिए 2100 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। हालांकि विधानसभा का विशेष सत्र एक दिन का ही होगा। इसके बावजूद सत्र हंगामेंदार होने की आशंकाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है। राज्य में नए सिरे से मुद्दों पर घमासान मचा हुआ है। माना जा रहा है कि प्रदेश में बोनस देने के बाद भी विपक्ष घेरेबंदी में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
विपक्ष ने प्रदेश में सभी उत्पादनकर्ता किसानों को दायरे में लेकर बकाए बोनस का दबाव बढ़ाया है। सत्र के दौरान इसी मुद्दे को उछालकर सरकार की घेरेबंदी होगी। दरअसल, बीते पावस सत्र की अवधि को केवल ढाई दिनों में अवासान कर दिया गया था। इस बार विपक्ष ने शेष बाकी छह दिनों को विशेष सत्र में जोड़कर अवधि बढ़ाने का दबाव बढ़ाया है। हालांकि विपक्ष की यह मांग सिरे से खारिज कर जारी अधिसूचना में सत्र केवल एक दिन का ही निर्धारित किया गया है। इसे लेकर भी नाराजगी बढ़ सकती है।
प्रदेश में किसान, धान और गौहत्या के मुद्दों को विपक्ष किसी भी हालत में छोडऩे के मूड में नहीं है। वहीं दूसरी ओर राज्य में भयंकर अकाल के हालातों पर भी चर्चा की मांग उठाई है। एक दिन के सत्र में सरकार की ओर से केवल शासकीय कार्य ही निपटाए जाएंगे। वहीं अनुपूरक के जरिए बोनस का प्रावधान कर इसे बाकायदा पारित भी किया जाएगा। इधर विपक्ष सवाल उठाएगा कि बोनस के लिए सत्र की जरूरत नहीं थी, इसे अध्यादेश जारी कर ही पूरा किया जा सकता था। सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए केवल एक दिन का सत्र आहुत किया है। ज्वलंत मुद्दों को उठाकर विपक्ष यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि सरकार खुद जवाब देने के बजाए चर्चा से भाग रही है।