लगतार वंदे मातरम पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं मुस्लिमों का एक धड़ जहां ‘वंदे मातरम’ गाने को लेकर इंकार करता आ रहा है। वहीं, देश के कई कथित रूप से देशप्रेमी कहलाने वाले लोग इन लोगों पर वंदे मातरम गाने के लिए जबरदस्ती करते आ रहे हैं।
वही आज रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ को लेकर बड़ा बयान दिया है अठावले ने कहा कि राष्ट्रीय गीत का मुद्दा जानबूझकर कुछ समुदायों के बीच विवाद पैदा करने के लिए लाया जा रहा था. वैसे सभी को वंदे मातरम् का पाठ पढ़ना चाहिए, लेकिन अगर यह नहीं पढ़ा जाता है तो क्या गलत होगा. रामदास अठावले ने यह बयान ठाणे के पास कल्याण में महाराष्ट्र ग्रामीण पत्रकार संघ की 11वीं वर्षगांठ पर दिया ।
आपको बता दे कि मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में तमिलनाडु राज्य में सभी सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सप्ताह में कम से कम एक बार अनिवार्य रूप से वंदे मातरम् गायन के आदेश जारी किया था । जिसके बाद महाराष्ट्र में BJP के विधायक राज पुरोहित ने गुरुवार को राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में इस आदेश को लागू करने की मांग की थी। उनकी इस मांग के बाद अन्य दलों ने हंगामा शुरू कर दिया था। इस मांग के बाद SP नेता अबू असीम आजमी और AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा था कि अगर सिर पर बंदूक रख दिया जाए तो भी वह वंदे मातरम नहीं गाएंगे।
इससे पहले राष्ट्रगीत वंदे मातरम पर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि वंदे मातरम गाना अपनी पसंद की बात है और जो लोग इस गाने से इनकार कर रहे हैं, उन्हें देशद्रोही नहीं करार दिया जा सकता। हालांकि नकवी ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम का विरोध करने को अनुचित ठहराया।