कांग्रेस ने गरीबों, मजदूरों और सूक्ष्म, लघु एवं उपक्रमों (एमएसएमई) की मदद की मांग को लेकर आज यानि गुरुवार को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर ‘स्पीकअप इंडिया’ अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले दो महीने से कोरोना वायरस के कारण पूरा देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उन्होंने देश की आजादी के बाद ऐसा संकट पहली बार दिखा है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में मजदूर पैदल चलने को मजबूर हुए लेकिन उनकी इस व्यथा को सरकार ने नजरअंदाज किया। सोनिया ने इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “केंद्र सरकार से अपील है कि मजदूरों के लिए खजाने का ताला खोलें और जरूरतमंदों को राहत दें।” उन्होंने आगे कहा कि केंद्र हर गरीब परिवार को 6 महीने तक 7500 रुपये प्रति महीने मदद के तौर पर दें और प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर गरीबों के दर्द का अहसास नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों को मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही गरीब परिवारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की तत्काल वित्तीय मदद की जाए। सोनिया ने एक वीडियो जारी कर सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह मनरेगा के तहत 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करे और सभी जरूरतमंदों के लिए राशन का प्रबंध करे।
कांग्रेस का कहना है कि उसने गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबारियों की मदद के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से यह अभियान चलाया है। सोनिया ने कहा, ‘‘ पिछले 2 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे और बगैर साधन के सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनका दर्द और सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं सुनी।’’
मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर साधा निशाना, कहा- प्रवासी मजदूरों को लेकर नहीं हैं चिंतित
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखानें बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ।उन्होंने कहा, ‘‘पहले दिन से ही कांग्रेस के सब साथियों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों ने और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है, मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदार, सरकार द्वारा सबकी मदद करने का है। न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है?’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह मांग भी की कि सरकार मज़दूरों की सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर उन्हें घर पहुंचाए, उनके लिए रोजी-रोटी का इंतजाम भी करे, राशन का इंतजाम भी करें, मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करे और छोटे और लघु उद्योगों को कर्ज देने की बजाय आर्थिक मदद दे, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो। उन्होंने कहा, ‘‘ देशभर से कांग्रेस समर्थक, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, पदाधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे हैं । संकट की इस घड़ी में हम सब हर देशवासी के साथ हैं और मिलकर इन मुश्किल हालातों पर अवश्य जीत हासिल करेंगे।’’