देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र सरकार के तरफ से 17 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। 1 मई से लॉकडाउन के बीच फंसे प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने का काम भी तेज हो चुका है। हर दिन अनेक राज्यों से प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं। इस बीच भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि उसने 1 मई से अब तक 999 से अधिक श्रमजीवी स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है।
रेलवे के अनुसार इन ट्रेनों के जरिए विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए 11.5 लाख से अधिक लोगों को उनके घर पहुंचने में मदद की है। रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 1,000 श्रमिक विशेष ट्रेनों को प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए मंजूरी दी गई।” मंत्री ने आगे कहा कि कल 145 श्रमिक गाड़ियां प्रवासी मजदूरों के लिए चलीं। कुल श्रमिक विशेष गाड़ियों में से 75 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चल रही हैं।
रेल मंत्री ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों की राज्य सरकारों को फटकार लगाई और कहा कि “रेलवे रोजाना 300 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चलाकर अपने घरों में श्रमिकों को फेरी लगाने के लिए तैयार है, लेकिन दुख की बात है कि पश्चिम बंगाल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे कुछ राज्य इन ट्रेनों को अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण प्रवासी श्रमिक पीड़ित हैं और घर से दूर हैं।” रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि 15 मई तक देशभर के विभिन्न राज्यों से कुल 999 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया है।
उन्होंने कहा कि 11.5 लाख से अधिक यात्री अपने गृह राज्यों में पहुंच चुके हैं। ये ट्रेनें, रेलवे और राज्य दोनों की सहमति के बाद ही चलाई जा रही हैं, यानि कि रेलवे जो यात्रियों को भेज रही है, और राज्य जो उन्हें रिसीव कर रहे हैं। अधिकारी ने यह भी कहा कि ये विशेष ट्रेनें कई राज्यों में जाकर खत्म हो रही हैं। जैसे आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल।
अधिकारी ने आगे कहा कि ट्रेन में चढ़ने से पहले यात्रियों की उचित जांच सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान, यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है। भारतीय रेलवे ने देश भर में फंसे हुए प्रवासी कामगारों, छात्रों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के परिवहन के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाना शुरू किया है।