औरंगाबाद में रेलवे पटरी पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की कटकर मौत हो जाने के दुखद हादसे के बाद कांग्रेस ने रेलवे पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने साबित कर दिया है प्रवासी संकट से निपटने में वह अयोग्य है। इसके साथ ही कांग्रेस ने इस समस्या से निपटने के लिए मल्टी-नोडल एजेंसी की मांग की।
I request the govt to constitute a multimodal agency under a senior Cabinet Minister to oversee relief & rescue of migrants
If need be even support of Armed Forces must be sought to solve this humanitarian crisis
Clearly the Railway Ministry is unable to handle the problem
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) May 9, 2020
प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भाजपा और विपक्ष के बीच राजनीतिक तनातनी के बीच कांग्रेस ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सरकार पर हमला कर दिया। एआईसीसी के कोषाध्यक्ष और सोनिया गांधी के करीबी सहयोगी अहमद पटेल ने मांग की है कि मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि प्रवासियों के राहत और बचाव के लिए एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के तहत एक मल्टी-नोडल एजेंसी का गठन किया जाए।
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उन्होंने आगे कहा कि यदि इस मानवीय संकट का हल करने के लिए सशस्त्र बलों के सहयोग की आवश्यकता भी पड़े तो उनकी मदद लेनी चाहिए, क्योंकि यह स्पष्ट हो गया है कि रेल मंत्रालय इस समस्या से निपटने में अयोग्य है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद कि पार्टी प्रवासियों के टिकट का खर्च उठाएगी, भाजपा और कांग्रेस के बीच की राजनीति गरमा गई है, वहीं भाजपा का आरोप लगाया है कि कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है।
इसके साथ ही प्रवासियों को राहत देने के लिए कांग्रेस की राज्य इकाइयों ने भी कमर कस ली है। झारखंड से कई लोगों को बिहार भेजा गया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आर.पी.एन. सिंह ने कहा कि बोकारो में फंसे बिहार और कुशीनगर के मजदूरों को अपने घर वापस भेजने के लिए परिवहन साधन का इंतजाम किया गया था, वह भी नि:शुल्क। वे घर वापसी के लिए रास्ते में हैं। उनकी यात्रा सुरक्षित और आरामदायक हों।