कांग्रेस ने कश्मीर के हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हो रही चर्चा को सरकार की विदेश नीति की विफलता करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे निरस्त कराने के लिए प्रयास करने चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां पार्टी मुख्यलय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी इस घटनाक्रम को बहुत गंभीर मानती है। जो लगभग छह दशकों से नहीं हुआ वह सरकार के ढेर सारे दावों और ‘राष्ट्रवाद की सीख’ के दौरान हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर में चर्चा होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री चुप हैं। शुरुआत से विदेश नीति एक अभिन्न स्तंभ है। इसे बदला नहीं जा सकता। कश्मीर पूरी तरह से आंतरिक मामला है, लेकिन इसका अंतरराष्ट्रीयकरण हो रहा है, जो पूरी तरह से विदेश नीति की विफलता है। विदेश मंत्री इसी विषय के लिए चीन जाते हैं, जबकि वह (चीन) पाकिस्तान की पैरवी पर परिषद की बैठक आयोजित करा लेता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सुयंक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मित्र देशों से संपर्क करना चाहिए और इस बैठक को निरस्त कराना चाहिए। परमाणु नीति के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में डॉ। सिंघवी ने कहा कि इस देश का हर नागरिक और हर राजनीतिक पार्टी शत-प्रतिशत सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री को मुहावरों में बात नहीं करनी चाहिए और देश को स्पष्ट बताना चाहिए।