14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ जिसमें 44 जवान शहीद हो गए और 45 से ज्यादा घायल हो गए थे। हमले के बाद पुलवामा जिले में आतंकीयों और जवानों के बीच में मुठभेड़ हुई थी जिसमें मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए।
बीते मंगलवार को मेजर विभूति का अंतिम संस्कार किया गया था। मेजर विभूति के अंतिम यात्रा पर पूरा शहर उमड़ गया था। इसी दौरान मेजर विभूति की पत्नी अपने पति को गर्व से देख रहीं थीं। मेजर विभूति की पत्नी ने अंतिम संस्कार से पहले अपने पति का माथा चूमा था और बोला था आई लव यू…… जय हिंद मेरे हीरो।
अंकिता ने वीरों की तरह पति को दी अंतिम विदाई
मेजर विभूति की पत्नी अंकिता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो उनके अंतिम संस्कार से पहले का है।
अंकिता इस वीडियो में कहा कि सबको पता है कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं। हमेशा आपकी फिक्र करती रहती थी। आप मुझे मेरी जान से भी प्यारे हो। आपने मुझसे झूठ बोला आप मुझसे ही नहीं बल्कि पूरे देश से प्यार करते थे। सबसे प्यार करते थे। आपने देश के लिए अपनी जिंदगी दे दी। अंकिता ने आगे कहा, मैं सभी से निवेदन करती हूं कि वे सहानुभूति न रखें, बल्कि बहुत मजबूत बनें, क्योंकि वह वीर हमारे यहां खड़े किसी भी व्यक्ति की तुलना में बहुत बड़ा है।
आखिरी सांस तक करूंगी आपसे प्यार
अंकिता ने आगे कहा, आपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को कुर्बानी कर दिया। आप सच में हीरो हो। मेरे लिए बेहद गर्व की बात है कि मैं आपकी पत्नी हूं। मेरा पति वीर है मेरा ही नहीं बल्कि पूरे देश का हीरो है। आज जा रहे हो लेकिन याद रखना आप मुझसे दूर नहीं हो सकते। हमेशा मेरे साथ रहोगे।
अंकिता ने कहा, एक अमर प्रेम की तरह। जब तक मेरी सांस चलेगी, तब तक मैं सिर्फ आपको ही प्यार करूंगी। मैं सबसे प्रार्थना करती हूं कि वह इस वीर की शहादत पर सुहानूभूति न जताएं। इस नौजवान की कुर्बानी, जिम्मेदारी, देश के प्रति अहसास को समझें। यू आर माई हीरो, आई लव यू। जय हिंद।
मेजर विभूति की पत्नी निकिता का रूप भी बिल्कुल उनकी ही तरह वीर दिखाई दिया जिसे देखकर वहां खड़े सबकी आंखों में आंसू आ गए। मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की अंतिम यात्रा मंगलवार को उनके घर से निकली थी और उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए थे और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का मंगलवार को हरिद्वार में सैन्य सम्मान केसाथ अंतिम संस्कार किया गया।