केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वर्ष 2022 तक देश में डायरिया की वजह से होने वाली बच्चों की मौतों को शून्य स्तर पर लाने के लिए नयी रणनीतियों और नवोन्मेषी हस्तक्षेपों की आवश्यकता पर बल दिया है।
उन्होंने देश में प्रजननात्मक, मातृत्व, नवजात, बाल, किशोर और पोषण, (आरएमएनसीएएच प्लस एन) हस्तक्षेपों की समीक्षा के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘किसी बच्चे को डायरिया से मरने नहीं दिया जायेगा। सरकार इसे 2022 तक रोकने के लिए तुरंत एवं सतत प्रयास करेगी।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘न्यू इंडिया’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने मातृत्व मृत्यु जैसे समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए एक जन आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया।