बिहार की राजनीति में अकसर राजनीतिक दल एक नए मुद्दे को जनता के सामने रखते है, जिससे वहा पर सियासी उथल-पुथल का माहौल बना रहे। ऐसे में प्रदेश में एक पुराना मामला काफी उभरकर सामने आ रहा है। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत अन्य दो दलों के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रही जनता दल (यूनाइटेड) एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर मुखर हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई थी।
साधन संपन्न राज्यों से दौड़ना नामुमकिन है
बुधवार को जदयू अध्यक्ष और सांसद ललन सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष दर्जे की लंबित मांग को स्वीकार कर लिया। न्याय करने का आग्रह किया जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया। उन्होंने पीएमओ और नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, ‘मौजूदा हालात में बिहार के लिए अपने दम पर विकसित और साधन संपन्न राज्यों से दौड़ना नामुमकिन है। इसलिए हम सभी बिहारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से विनम्र निवेदन करते हैं कि विशेष दर्जे की लंबित मांग को स्वीकार कर बिहार के साथ न्याय करें।
बिहार पीछे है तो उसे विकसित करना होगा
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जदयू की विशेष दर्जे की पुरानी मांग को चिढ़ाते हुए कहा था कि जो राज्य पिछड़ा दिख रहा है, उसके उत्थान के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बिहार पीछे है तो उसे विकसित करना होगा, इसलिए हमने विशेष दर्जे की मांग की है। हम लंबे समय से विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं।
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अगर हम पीछे हैं तो विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर बिहार पीछे है तो उसे विकसित करना होगा, इसलिए हम विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं. हमने सर्वे कर रिपोर्ट भी दी थी। अगर हम पीछे हैं तो विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कोई नई नहीं है. 2007 से राजनीतिक दलों के नेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए विभिन्न मंचों से विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग उठा रहे हैं।