पटना: समय पर मेडिकल सपोर्ट से अधिकतर मरीजों की जान बचायी जा सकती है। पाटलिपुत्र गोलंबर के समीप स्थित मेडिपार्क मल्टी सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल के निदेशक न्यरो सर्जन डॉ शाश्वत कुमार ने बताया कि मेडिपार्क में ट्रामा पेशेंट के लिए इमरजेंसी की सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। सडक दुर्घटना के शिकार मरीजों को जितना जल्दी संभव हो सके, मेडिकल सपोर्ट अत्यंत आवश्यक है।
समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर अधिकतर मरीजों की जान बचायी जा सकती है। एक्सीडेंट के 1 घंटे को डॉक्टर गोल्डेन पीरियड मानते हैं, चूंकि यही वो बहुमूल्य समय है, जिसमें मरीजों को समय पर हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाए तो पेशेंट को नुकसान से बचाया जा सकता है। ऐसे पेशेंट के लिए मेडिपार्क में न्यूरो, स्पाईन और ऑर्थो के चिकित्सकों ने मिलकर एक योजना बनाई है, ताकि एक्सीडेंट के केस में इमरजेंसी में एडमिट मरीज का इलाज तुरंत प्रारंभ किया जा सके।
ट्रॉमा सेंटर के रुप में मेडिपार्क हॉस्पिटल को विकसित किये जाने के संबंध में निदेशक न्यूरो सर्जन डॉ शाश्वत कुमार ने बताया कि यातायात के नियमों की अनदेखी, युवाओं की तेज स्पीड बाइकिंग और बिना हेलमेट के गाडी चलाने जैसी थोडी सी लापरवाही से न सिर्फ उन्हें जान गंवानी पडती है, बल्कि किसी मां बाप और परिवार के वे एकमात्र सहारा होते हैं और अगर वे रोड एक्सीडेंट के शिकार हो गये और समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिली, ऐसे में उस परिवार या मां बाप की परेशानियों को समझा जा सकता है।
डॉ शाश्वत की टीम में ऑर्थो के डॉ नीरज कुमार भी शामिल हैं।
डॉ शाश्वत ने बताया कि ट्रॉमा पेशेंट के लिए मेडिपार्क 24 घंटे खुला है। साथ ही गाईनी में डॉ जया, जीआई सर्जरी में डॉ एनके राय, यूरोलॉजी में डॉ पंकज, नेफ्रोलॉजी में डॉ गोविन्द के अनुभव का लाभ मरीजों को ओपीडी में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक मिलेगा। लॉकडाउन में छूट के कारण मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डायलिसिस, डिलीवरी, आईसीयू और नीकु की सुविघाएं भी प्रारंभ कर दी गयी हैं।