एक बड़े घटनाक्रम के तहत विपक्षी कांग्रेस ने आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ टीआरएस से मुकाबले के लिए तेदेपा और भाकपा के साथ एक महागठबंधन बनाने के लिए मंगलवार को हाथ मिलाया। इन दलों के नेताओं ने प्रथमचक्र की बातचीत के बाद घोषणा की कि वे गठबंधन कर रहे हैं।
बता दें कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के 35 सालों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वह किसी राज्य में कांग्रेस के साथ हाथ मिला रही है। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि वे तेलंगाना राष्ट्र समिति टीआरएस को परास्त करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। यह गठबंधन सभी जन संगठनों, बेरोजगार और महिला समूहों से भी समर्थन मांगेगा।
कांग्रेस, तेदेपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेताओं ने एक होटल में बैठक की। गठबंधन के निमित्त यह इनकी पहली बैठक थी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने जल्द चुनाव कराने के लिए पिछले सप्ताह विधानसभा भंग कर दी थी। चुनाव अब नवंबर में हो सकते हैं। विपक्षी दलों ने टीआरएस प्रमुख के कदम को अलोकतांत्रिक करार दिया है।
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उत्तम कुमार रेड्डी, तेदेपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एल. रमना और भाकपा की राज्य इकाई के सचिव चादा वेंकट रेड्डी और तीनों पार्टियों के अन्य नेताओं ने बातचीत में हिस्सा लिया। बाद में उन्होंने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन से मुलाकात की और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव के कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहते स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री केसीआर और निर्वाचन आयोग ने जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने के लिए सांठगांठ कर लिया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में सुधार का कार्यक्रम एक सितंबर को घोषित किया। पूरी प्रक्रिया चार जनवरी तक पूरी होनी है।