नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी को लेकर दिल्ली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया और इसी दौरान सड़कों पर पुलिस और डॉक्टरों के बीच झड़प हो गयी। दोनों पक्षों का दावा है कि उनकी ओर के कई लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर सकती है। वही, विवाद शांत होता नहीं दिख रहा है क्योंकि डॉक्टरों का प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा।
युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया
कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की तीखी अलोचना की।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है कि पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाए। डॉक्टरों को झूठा पीआर (जनसंपर्क) नहीं, सम्मान व हक चाहिए।
कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया।
अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए
डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 27, 2021
डॉक्टरों ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से उच्चतम न्यायालय तक मार्च निकाला
सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर अपना आंदोलन तेज करते हुए सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से उच्चतम न्यायालय तक मार्च निकाला। हालांकि, प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक लिया और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हुई। पुलिस ने कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहा है। सरकार ने पिछले साल कोरोना वायरस पर काबू के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान महामारी से निपटने में योगदान को लेकर डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर फूल बरसाए थे।