राज्यसभा में आज सपा नेता नरेश अग्रवाल ने 2000 रूपये के नोट को लेकर बाजार में चल रही तमाम अटकलों का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या इस नोट को चलन से वापस लिया जा रहा है? अग्रवाल ने आज उच्च सदन में यह मुद्दा व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर उठाया। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत देश में मुद्रा प्रचलन का दायित्व सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को दिया गया है। उन्होंने कहा कि नियम है कि देश की कुल मुद्रा का 65 प्रतिशत बडे करेंसी नोट और 35 प्रतिशत छोटे करेंसी नोट में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार ने जब नोटबंदी की थी तो उसके बाद 2000 रूपये का नोट जारी किया। आज बाजार में करीब 2000 करोड़ रूपये मूल्य के 2000 रूपये के करेंसी नोट हैं।
अग्रवाल ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि बैंकों को एक अंदरूनी निर्देश जारी कर कहा गया है कि वे 2000 रूपये के नोट स्वीकार तो करें पर उन्हें जारी नहीं करें। उन्होंने कहा कि बाजार में इस बात की चर्चा है कि सरकार 2000 रूपये के नोट प्रचलन में बंद कर देगी और विदेशों की तरह सबसे बड़ नोट मात्र पांच सौ रूपये का रहने देगी। उन्होंने आसन से सवाल किया कि क्या सरकार 2000 रूपये का नोट बंद करने जा रही है? अग्रवाल के व्यवस्था के इस प्रश्न पर उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वह अपनी व्यवस्था सुरक्षित रख रहे हैं।
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