ग्रेटर नोएडा में 1800 किलोग्राम से अधिक स्यूडोफेड्रीन जब्त, सबसे बड़ी मात्रा में जब्ती - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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ग्रेटर नोएडा में 1800 किलोग्राम से अधिक स्यूडोफेड्रीन जब्त, सबसे बड़ी मात्रा में जब्ती

मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने ग्रेटर नोएडा में शनिवार को एक मकान से 1800 किलाग्राम से अधिक स्यूडोफेड्रीन जब्त कर और तीन विदेशियों

मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने ग्रेटर नोएडा में शनिवार को एक मकान से 1800 किलाग्राम से अधिक स्यूडोफेड्रीन जब्त कर और तीन विदेशियों का गिरफ्तार कर देश में इस मादक पदार्थ की सबसे बड़ी जब्ती करने का दावा किया।

एनसीबी सूत्रों ने बताया कि 1800 किलोग्राम स्यूडोफेड्रीन के साथ दो किलोग्राम कोकीन भी जब्त की गयी । इनकी कीमत लगभग 25 करोड़ रूपये है।

यह मकान एक आईपीएस अधिकारी का है। वह फिलहाल लखनऊ में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि वह इस घटना से स्तब्ध और परेशान हैं तथा उन्होंने ग्रेटर नोएडा में अपना यह मकान प्रॉपर्टी डीलर के मार्फत किराये पर दिया था।

एनसीबी ने दक्षिण अफ्रीका की एक महिला से पूछताछ के बाद इतनी बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ की जब्ती की । इस महिला को कथित रूप से 24.7 किलोग्राम स्यूडोफेड्रीन लाने को लेकर नौ मई को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। पहले उसे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने पकड़ा था।

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एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘स्यूडोफेड्रीन एक ऐसा रसायन है जिसका उपयोग मेथमफेटमाइन के निर्माण में किया जाता है। मेथमफेटमाइन एक ड्रग है जिसका यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में स्यूडोफेड्रीन की यह अब तक सबसे बड़ी जब्ती है जिसे किसी फैक्टरी परिसर के बाहर रखा गया था। हमारे रिकार्ड के अनुसार यह किसी एजेंसी द्वारा सबसे बड़ी जब्ती है।’’ उन्होंने कहा कि आमतौर पर इतनी बड़ी मात्रा आवासीय या वाणिज्यिक परिसरों में नहीं बल्कि कारखानों में मिलता है।

अधिकारी के अनुसार महिला से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर एनसीबी की दिल्ली क्षेत्र इकाई के अधिकारी 10 मई को ग्रेटर नोएडा में एक मकान पर पहुंचे जहां से उन्होंने 1818 किलोग्राम स्यूडोफेड्रीन, 1.9 किलोग्राम कोकीन जब्त किये गये।

अधिकारियों के अनुसार पहले पकड़ी गयी महिला के अलावा उस मकान से एक नाइजीरिया पुरुष और एक नाइजीरिया महिला को गिरफ्तार किया गया। इन लोगों को एनडीपीएस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

नोएडा पुलिस ने कहा कि ये विदेशी सेक्टर पी 4 में एक मकान में रह रहे थे, लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा उनकी पहचान का कोई सत्यापन नहीं किया गया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने पीटीआई से कहा, ‘‘किसी भी विदेशी के लिए एलआईयू (स्थानीय खुफिया इकाई) द्वारा सत्यापन कराना जरूरी होता है। उन्होंने यह नहीं कराया। इस चूक एवं अन्य किसी चूकों को लेकर जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि एनसीबी ने ग्रेटर नोएडा में स्वतंत्र रूप से कार्रवाई की, स्थानीय पुलिस की कोई भूमिका नहीं है।

इस बीच, इस मकान के मालिक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी डी पी एन पांडे ने कहा कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के लिए एक योजना के दौरान 2000 में सात लाख 20 हजार में यह संपत्ति खरीदी थी।

उन्होंने कहा कि 30 वर्गमीटर क्षेत्र में फैले चार-पांच कमरों का यह मकान छह सात साल तक खाली रहा और फिर उन्होंने उसे किराये पर देने को सोचा।

आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक पांडे ने बलिया से फोन पर पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हां, यह मेरा घर है। हमने उसे प्रॉपर्टी डीलर के मार्फत किराये पर दिया था। किरायेदारों के साथ किराया समझौता भी किया गया। लेकिन मुझे तनिक भी अहसास नहीं था कि वे किस तरह के थे। मैं स्तब्ध और परेशान हूं।’’ वह फिलहाल बलिया में सरकारी ड्यूटी पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैनाती नहीं हुई और मैंने यह सोचकर यह संपत्ति खरीदी थी कि सेवानिवृत के बार मैं वहां रह पाऊं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसे 24000 रूपये प्रतिमाह पर किराये पर दिया गया था लेकिन उन्होंने करीब सालभर से किराये का भुगतान नहीं किया। 2.73 लाख रूपये का बिजली बिल भी लंबित है और जब भी मैं उनसे भुगतान के लिए कहता हूं तो वे कहते हैं कि वे ऑनलाइन कर देंगे, लेकिन करते नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रॉपर्टी डीलर से उनसे मकान खाली करवाने को कहा था और इसके लिए मैंने स्थानीय क्षेत्राधिकारी से भी संपर्क किया था लेकिन किरायेदार अनिच्छुक जान पड़ते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मकान के दुरूपयोग तथा लंबित मकान किराया एवं बिजली बिल को लेकर उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराऊंगा।’’

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