नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान जब से शीला दीक्षित के हाथों में गई है, तब से दिल्ली में कांग्रेसी कुछ सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। हर सप्ताह कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहे हैं, शीला दीक्षित की अगुवाई में लगातार बैठकें हो रही हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार हो रही है। इस रणनीति के तहत ही यानी की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सात कमेटियों का गठन किया गया था। लोकसभा चुनाव सिर पर आ चुके हैं, लेकिन सात कमेटियों में से दो कमेटियों ने अभी तक अपनी पहली बैठक भी नहीं की है।
इसमें एक मेनीफेस्टो कमेटी है और दूसरी पब्लिसिटी कमेटी। मेनीफेस्टो कमेटी के चैयरमैन अजय माकन हैं और वाइस चेयरमैन देवेन्द्र यादव हैं, जबकि पब्लिसिटी कमेटी के चेयरमैन सुमेश शौकीन हैं। दोनों कमेटियों ने भी अभी तक कोई बैठक नहीं की। यही बजह से दोनों कमेटियों के मेम्बर पसोपेश में हैं कि काम क्या किया जाए? सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा के लिए चुनावी मुद्दे तैयार करने के लिए मेनीफेस्टो कमेटी की जिम्मेदारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन को सौंपी थी और उनके ही विश्वासपात्र कहे जाने वाले प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र यादव को वाइस चेयरमैन बनाया गया था।
लेकिन दोनों की जोड़ी ने अभी तक बैठक नहीं की न ही कोई एजेंडा तैयार किया। बैठक न होने के पीछे उनकी लापरवाही नहीं बल्कि पार्टी के भीतर की गुटबाजी बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अजय माकन दिल्ली प्रदेश कार्यालय (डीपीसीसी) में बैठक नहीं करना चाहते हैं बल्कि वह मेनीफेस्टो कमेटी की बैठक कहीं अन्य करना चाहते हैं। इसके लिए दो बार आंध्रा भवन में बैठक आहूत भी की थी, लेकिन शीला दीक्षित ने साफ कर दिया कि अगर बैठक होगी तो डीपीसीसी में ही होगी नहीं तो नहीं होगी और ‘आप लोगों के जो भी सुझाव हैं वह कार्यालय सचिव को भिजवा दें…’ इस आदेश के बाद ही प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर राजनीति हावी हो गई है।
– सुरेन्द्र पंडित