नई दिल्ली: दिल्ली के निजी स्कूलों में सातवें वेतन आयोग के नाम पर बढ़ी हुई फीस वसूलने को लेकर अभिभावकों ने मोर्चा खोल दिया है। इसे अस्वीकार करते हुए अभिभावकों ने आवाज उठाई और बढ़ी हुई फीस देने को मना कर दिया। इस मामले को लेकर दिल्ली अभिभावक संघ और शिक्षकों ने रविवार को शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की लेकिन मुलाकात बेनतीजा रही। दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अप्रजिता गौतम ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद शिक्षामंत्री ने मिलने का समय दिया था लेकिन यहां मंत्री ने अपनी तारीफों के पुुल स्वयं बांधने शुरू कर दिए।
सिसोदिया कहने लगे कि वह समस्त भारत के सबसे अच्छे शिक्षामंत्री हैं क्योंकि उन्होंने पिछले दो सालों से निजी स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी और निजी स्कूलों पर नकेल कसी हुई है। मीटिंग की शुरुआत उनकी तारीफ से हुई और अंत उनके गुस्से से। अप्रजिता का कहना है कि जब उनके इन बयानों पर एक अभिभावक ने उन्हें यह कहकर टोका की उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि स्कूल फीस लगातार बढ़ रही है।
जब अभिभावकों ने उन्हें सत्य का आइना दिखाने की कोशिश की तो सच का सामना करने की बजाय सिसोदिया आग बबूला हो गए और उठकर चलने लगे। वहीं, जब एक अभिभावक ने उनके स्वयं के द्वारा निजी स्कूलों की सुरक्षा पर उठाए गए मुद्दे पर सवाल किया तो उन्होंने यह कहा कि अगर कल को कोई दुर्घटना होती है तो वो उस स्कूल पर जुर्माना लगाएंगे। इस पर हैरान अभिभावकों ने रेयान स्कूल हादसे को याद दिलाया। इस पर वह और भड़के और अपने रूम में चले गए। यह सारी प्रक्रिया मुश्किल से एक मिनट चली।
अप्रजिता का कहना है कि मनीष सिसोदिया ने मात्र एक मिनट का समय दिया इन सभी अभिभावकों को। उसके बाद पुलिस वालों से कह कर उन्हें गेट से बाहर निकाला गया। अभिभावकों और शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को चुनौति देते हुए खुले मंच पर बहस करने को कहा है। अभिभावकों ने कहा कि शिक्षामंत्री आएं और हमारा सामना करें।
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