सरकारी कर्मचारियों के सम्मान की लड़ाई ‘वी साइलेंट’ - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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सरकारी कर्मचारियों के सम्मान की लड़ाई ‘वी साइलेंट’

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नई दिल्ली : दिल्ली में चल रही लड़ाई सरकार वर्सेज आईएएस अधिकारियों की नहीं है। यह लड़ाई सिर्फ और सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के सम्मान की लड़ाई है। दिल्ली के लाखों सरकारी कर्मचारी मुख्य सचिव के साथ हुई घटना से आहत है। उन्हें लग रहा है कि जब उनके मुखिया के साथ ऐसा हो सकता है तो वो खुद कहां सुरक्षित हैं? यह कहना है आईएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा सक्सेना का। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई घटना पर आज आईएएस अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर व केन्द्रीय राज्यमंत्री (प्रधानमंत्री कार्यालय) जितेन्द्र सिंह से मिला। इस मुलाकात के बाद पंजाब केसरी से बातचीत में आईएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा का कहना था कि दिल्ली के सरकारी कर्मचारी इस वक्त आहत हैं। पहले ही आहत होकर कई अधिकारी यहां से जा चुके है, कुछ अधिकारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है।

दिल्ली के सरकारी कर्मी अजीब तरह के मानसिक दबाव में हैं। फिर चाहे वो दिल्ली जल बोर्ड या दिल्ली के स्कूल शिक्षक हो या फिर दिल्ली सचिवालय या अन्य सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की सफलता में इन्हीं कर्मचारियों का हाथ है। स्कूलों में शिक्षा का स्तर अगर अच्छा हुआ है तो इन्हीं कर्मचारियों की बदौलत हुआ है। भ्रष्टाचार पहले से कम हुआ है तो उसमें भी इन्हीं कर्मियों का योगदान है। तमाम बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बने और लागू हुए तो इसमें कर्मचारियों ने पूरा योगदान दिया है।

इन लाखों कर्मचारियों के परिवारों ने भी सरकार का पूरा सहयोग किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार से किसी तरह का असहयोग नहीं हो रहा है। तमाम अधिकारी और सरकारी कर्मचारी अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं। केवल मीटिंग का बहिष्कार किया गया है। वह भी एसोसिएशन ने तय किया कि जब तक सरकार उनके सुरक्षा व सम्मान की जिम्मेदारी नहीं लेती है तब तक। विरोध करने के लिए कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। विरोध के लिए ही लंच के वक्त पांच मिनट का प्रदर्शन होता है, लेकिन काम को कहीं भी बाधित नहीं किया गया है।

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– सतेन्द्र त्रिपाठी

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