दिल्ली में चल रहे जी20 सम्मेलन में भारत की कामयाबी का परचम लहरा रहा है जो भारत के लिए गर्व की बात है। जिस जी 20 की अध्यक्षता पीएम मोेदी कर रहे है वो इस समिट में कई बड़े फैसलों और सहमती पर मुहर लगा सकते है पीएम भारत के विकास से जुडे़े मुद्दों पर कई देशों के राष्ट्रपतियों से बात कर रहे है जिसका सीधा फायदा भारत को होगा।
मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लांच किया
पीएम मोदी ने इस बैठक के बीच ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की लॉन्चिंग की है जी20 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च करते हुए दुनिया के बाकी देशों से इसमें शामिल होने और इस दिशा में आपसी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सभी देश ईंधन को लेकर मिलकर काम करें। पीएम मोदी द्वारा लॉन्चिंग के बाद इस अब चर्चा हो रही है।
बायोफ्यूल क्या है
इन सबके बीच कई लोगों के मन में सवाल होंगे की बायोफ्यूल क्या है जिसके लिए ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की लॉन्चिंग की गई। बायोफ्यूल के बारे में आसान भाषा में समझें तो बायोफ्यूल वो ईंधन है, जो पेड़-पौधे, अनाज, या फिर फूड वेस्ट से तैयार किया जाता है। इसमें मुख्य तौर पर एथेनॉल, बायोडीजल और बायोगैस शामिल है।
बायोफ्यूल को लेकर सभी देशों ने सहमती दी
पीएम मोदी ने बैठक के पहले दिन बायोफ्यूल अलायंस का प्रस्ताव पेश करते हुए बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाने और पेट्रोल में 20 फीसदी तक एथेनॉल मिलाने की बात कही, जिस पर सभी देशों ने सहमति दी है।
बायोफ्यूल अलायंस में बाकी देशों को दिया न्यौता
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस में दुनिया के बाकी देशों को शामिल होने का न्यौता दिया है अलग-अलग देशों के शामिल होने पर ये एक वैश्विक गठबंधन होगा, जिसमें सभी देश मिलकर बायोफ्यूल को लेकर आपसी साझेदारी को बढ़ाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सभी देश ईंधन को लेकर मिलकर काम करें। पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने का हमारा प्रस्ताव है और इसके लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का समय आ गया है।
बायोफ्यूल मकसद क्या है
बता दें इसका मकसद है कि बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाने के साथ इसके वैश्विक बाजार को मजबूती देना हे। देशों के बीच बायोफ्यूल के आपसी कारोबार को आसान करना और बायोफ्यूल उत्पादन के बारे में एक दूसरे को तकनीकी मदद करना है।
बायोफ्यूल से पर्यावरण पर पड़ेगा कम असर
बता दें बायोफ्यूल के उत्पादन के मामले में अमेरिका और ब्राजील को वर्ल्ड लीडर माना जाता है। ये दोनों ही देश जी-20 का हिस्सा है ऐसे में ये अलायंस इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसका फायदा सीधे तौर पर भारत को मिलेगा। बता दें कि बायोफ्यूल के इस्तेमाल से प्राकृतिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी। और इंधन की मांग भी अपने आप कम होगी। इसके साथ ही प्रदूषण को रोकने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि बायोफ्यूल में प्राकृतिक ईंधन के मुकाबले कार्बन की मात्रा कम होती है। इस फैसले से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।
मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लांच किया
पीएम मोदी ने इस बैठक के बीच ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की लॉन्चिंग की है जी20 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च करते हुए दुनिया के बाकी देशों से इसमें शामिल होने और इस दिशा में आपसी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सभी देश ईंधन को लेकर मिलकर काम करें। पीएम मोदी द्वारा लॉन्चिंग के बाद इस अब चर्चा हो रही है।
बायोफ्यूल क्या है
इन सबके बीच कई लोगों के मन में सवाल होंगे की बायोफ्यूल क्या है जिसके लिए ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की लॉन्चिंग की गई। बायोफ्यूल के बारे में आसान भाषा में समझें तो बायोफ्यूल वो ईंधन है, जो पेड़-पौधे, अनाज, या फिर फूड वेस्ट से तैयार किया जाता है। इसमें मुख्य तौर पर एथेनॉल, बायोडीजल और बायोगैस शामिल है।
बायोफ्यूल को लेकर सभी देशों ने सहमती दी
पीएम मोदी ने बैठक के पहले दिन बायोफ्यूल अलायंस का प्रस्ताव पेश करते हुए बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाने और पेट्रोल में 20 फीसदी तक एथेनॉल मिलाने की बात कही, जिस पर सभी देशों ने सहमति दी है।
बायोफ्यूल अलायंस में बाकी देशों को दिया न्यौता
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस में दुनिया के बाकी देशों को शामिल होने का न्यौता दिया है अलग-अलग देशों के शामिल होने पर ये एक वैश्विक गठबंधन होगा, जिसमें सभी देश मिलकर बायोफ्यूल को लेकर आपसी साझेदारी को बढ़ाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के सभी देश ईंधन को लेकर मिलकर काम करें। पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने का हमारा प्रस्ताव है और इसके लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का समय आ गया है।
बायोफ्यूल मकसद क्या है
बता दें इसका मकसद है कि बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाने के साथ इसके वैश्विक बाजार को मजबूती देना हे। देशों के बीच बायोफ्यूल के आपसी कारोबार को आसान करना और बायोफ्यूल उत्पादन के बारे में एक दूसरे को तकनीकी मदद करना है।
बायोफ्यूल से पर्यावरण पर पड़ेगा कम असर
बता दें बायोफ्यूल के उत्पादन के मामले में अमेरिका और ब्राजील को वर्ल्ड लीडर माना जाता है। ये दोनों ही देश जी-20 का हिस्सा है ऐसे में ये अलायंस इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसका फायदा सीधे तौर पर भारत को मिलेगा। बता दें कि बायोफ्यूल के इस्तेमाल से प्राकृतिक ईंधन पर निर्भरता कम होगी। और इंधन की मांग भी अपने आप कम होगी। इसके साथ ही प्रदूषण को रोकने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि बायोफ्यूल में प्राकृतिक ईंधन के मुकाबले कार्बन की मात्रा कम होती है। इस फैसले से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।