चंडीगढ़ : रोहतक की सुनारियां जिला जेल में एक बार फिर सीबीआई की विशेष अदालत लगेगी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के दोषियों को सजा सुनाने के लिए पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के जज जगदीप सिंह सजा सुनाने के लिए सुनारियां जाएंगे। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह चार आरोपियों को शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दे दिया।
इस फैसले के बाद राज्य सरकार की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। चारों आरोपियों को सीबीआई कोर्ट में पेश करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। ऐसे में सरकार की ओर से सीबीआई कोर्ट में अपील दाखिल करके यह मांग की जा सकती है कि सीबीआई की विशेष कोर्ट सुनारियां जेल में लगाई जाए ताकि दोषियों को वही पर सजा सुनाई जा सके।
कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सरकार इस तरह का आग्रह कोर्ट से करेगी। पत्रकार हत्या मामले की सुनवाई भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करवाए जाने की मांग को लेकर सरकार कोर्ट जा चुकी है। सीबीआई की विशेष अदालत ने सरकार की दलील को मंजूर करते हुए ही गुरमीत राम रहीम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने की अनुमति दी थी। राम रहीम दो साध्वियों से यौन उत्पीडऩ के मामले में पहले से ही सुनारियां जेल में बंद है।
ये दोनों ही मामले आपस में जुड़े हुए हैं। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने ही सबसे पहले अपने समाचार-पत्र ‘पूरा सच’ में साध्वी यौन उत्पीडऩ मामले का पर्दाफाश किया था। साध्वियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गई चिठ्ठी को स्व़ छत्रपति ने हूबहू अपने अखबार में प्रकाशित किया था। इसके बाद ही उनका मर्डर किया गया। शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत से इस पर मुहर लगाते हुए गुरमीत राम रहीम के अलावा तीन आरोपियों – कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्णलाल को दोषी करार दिया।
दोषी कराए दिए जाने के बाद कोर्ट ने कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्णलाल को पुलिस के हवाले कर दिया। तीनों दोषियों को सेंट्रल जेल अंबाला भेजा गया है। अब इस मामले में सजा का फैसला 17 जनवरी को होगा। कानून के अनुसार, दोषियों को सजा सुनाने के लिए उनका कोर्ट में पेश होना अनिवार्य है। ऐसे में राम रहीम सहित चारों आरोपी जज के सामने पेश करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी। जिला अटार्नी पंकज गर्ग ने भी इसके संकेत दिए हैं कि सुनारियां जेल में ही सीबीआई की अस्थाई कोर्ट स्थापित करने का आग्रह किया जा सकता है।
उनका कहना है कि फैसले की सूचना सरकार को दी गई है। अब सरकार इस मामले में फैसला करेगी कि चारों को कैसे कोर्ट में पेश किया जाए। उनका कहना है कि 25 अगस्त, 2017 को पंचकूला में साध्वी यौन उत्पीडऩ मामले में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद बड़ी हिंसा हुई थी। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सरकार सीबीआई की विशेष अदालत से यह आग्रह कर सकती है कि कोर्ट को सुनारियां जेल में शिफ्ट किया जाए।
राम रहीम पहले से ही सुनारियां जेल में बंद है और बाकी के तीन दोषियों को 17 जनवरी को अंबाला सेंट्रल जेल से सुनारियां जेल लेकर जाएगा ताकि उन्हें सजा सुनाई जा सके। फैसले के बाद सरकार तैयारियों में जुट गई है। डेरा अनुयायियों की संख्या और 25 अगस्त की हिंसा को देखते हुए सरकार सुनारियां जेल के चारों तरफ फिर से पैरा-मिल्ट्री फोर्स तैनात कर सकती है।
(राजेश जैन)