चंडीगढ़ : विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सोमवार को विपक्षी विधायकों ने उस समय जमकर हंगामा किया जब विधानसभा सचिवालय ने उनके सवालों को स्वीकार करने के बावजूद सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया। इस बात को लेकर सदन में करीब आधा घंटे तक जमकर बहस होती रही। मुख्यमंत्री ने भी सदन में अपना वकत्तव्य जारी किया। इसके बावजूद विपक्ष शांत नहीं हुआ। इस बीच सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त हो गई। इस सत्र के दौरान आज पहला मौका था जब सदन में प्रश्नकाल के दौरान केवल पांच सवाल ही उठाए गए। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने प्रदेश में चल रही नंदीशालाओं तथा उनमें मरने वाली गायों के बारे में सवाल उठाया था। विधानसभा सचिवालय द्वारा प्रकाशित सवालों के ब्यौरे में किरण चौधरी के इस सवाल को 2507 नंबर दिया गया था लेकिन उत्तर देते समय इसे कार्यवाही से बाहर कर दिया।
जिसे लेकर किरण चौधरी ने हंगामा शुरू कर दिया। किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में विधायकों के सवालों का जवाब देने से भाग रही है। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने किरण चौधरी का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में सर्वाधिक गायों की मौत हुई है। सरकार इसका जवाब देने से भाग रही है। किरण चौधरी के सवाल का जवाब नहीं आने पर गुस्साए कांग्रेसियों ने सरकार व स्पीकर के विरूद्ध बयान जारी रखा। कांग्रेसी विधायकों के हंगामे के बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल की कार्यवाही को आगे बढ़ाया। इसी दौरान इनेलो विधायक रणबीर सिंह गंगवा ने आउटसोर्सिंग भर्ती में आरक्षण का मुद्दा उठाया तो इसे भी विधानसभा सचिवालय ने स्वीकार करके 2490 नंबर के तहत लगाया हुआ था लेकिन गंगवा के इस सवाल का भी जवाब सदन में नहीं दिया गया तो इनेलो ने भी हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने स्पीकर को विधानसभा नियमावली का पाठ पढ़ाते हुए कई नियमों का हवाला दिया। स्पीकर ने कहा कि पूर्व की सरकारों में भी इस तरह से सवाल लगाकर जवाब बाद में दिए जाते रहे हैं। इस बात पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया और शोरगुल के चलते प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित हो गई। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने खड़े होकर सदन को बताया कि इनेलो विधायक ने पिछले चार साल के दौरान आउटसोर्सिंग के तहत हुई भर्ती का ब्यौरा मांगा है।
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(आहूजा, राजेश)