कोरोना प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है। लॉकडाउन के दौरान सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ा है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को नई योजनाओं को इस वित्त वर्ष के आखिर तक शुरू नहीं करने के लिए कहा है। हालांकि, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आदेश जारी किया गया है। आदेश के अनुसार इस वित्त वर्ष के लिए पहले से ही स्वीकृत योजनाओं पर भी मार्च -2021 तक रोक लगा दी है। यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा जिनके लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सैद्धांतिक अनुमोदन दे दिया है। उभरती और बदलती प्राथमिकताओं के अनुसार विवेकपूर्ण तरीके से संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता है।
लॉकडाउन के कारण ठप्प हुए व्यवसायों और मंडी के कारण सरकार के पास इन दिनों राजस्व में कमी आई है। लेखा महानियंत्रक के पास उपलब्ध रिपोर्ट से पता चलता है कि अप्रैल 2020 के दौरान 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला, जो बजट अनुमान का 1.2% था। जबकि सरकार ने 3.07 लाख करोड़ खर्च किया, जो बजट अनुमान का 10 फीसदी था।