चुनाव लड़ने के लिए निचली अदालत की सजा पर रोक संबंधी हार्दिक की अर्जी पर हाई कोर्ट में कल होगी सुनवाई - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

चुनाव लड़ने के लिए निचली अदालत की सजा पर रोक संबंधी हार्दिक की अर्जी पर हाई कोर्ट में कल होगी सुनवाई

गुजरात हाई कोर्ट ने कांग्रेस में शामिल हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व नेता हार्दिक पटेल को एक निचली अदालत से मिली सजा

गुजरात हाई कोर्ट ने कांग्रेस में शामिल हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के पूर्व नेता हार्दिक पटेल को एक निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने संबंधी उनकी अर्जी पर सुनवाई कल तक स्थगित कर दिया।

हार्दिक ने गत आठ मार्च को यह अर्जी अदालत में इसलिए दी थी ताकि उनके लोकसभा चुनाव लड़ने में कोई अड़चन नहीं आये। अगर हाई कोर्ट निचली अदालत की सजा पर रोक नहीं लगाता तो गत 12 मार्च को विधिवत कांग्रेस से जुड़ चुके हार्दिक इच्छा के बावजूद चुनाव नहीं लड़ पायेंगे।

न्यायमूर्ति ए जी उरैजी की अदालत ने आज उनकी अर्जी पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील की ओर से जवाब देने के लिए और समय की मांग करने पर यह निर्णय लिया। यह देखना रोचक होगा कि कांग्रेस पार्टी तब तक जामनगर सीट, जहां से चुनाव लड़ने की इच्छा हार्दिक ने जतायी है, के लिए किसी उम्मीदवार की घोषणा करती है या नहीं। राज्य की सभी 26 सीटों पर एक साथ 23 अप्रैल को तीसरे चरण में मतदान होगा।

मोदी बताएं कि वह न्याय योजना के पक्षधर हैं या विरोधी : कांग्रेस 

ज्ञातव्य है कि हार्दिक को राज्य के महेसाणा जिले के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को एक आरक्षण रैली के दौरान हुई हिंसा और तत्कालीन स्थानीय भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय पर हमले और तोड़फोड़ के मामले में पिछले साल 25 जुलाई को एक स्थानीय अदालत ने दो साल के साधारण कारवास की सजा सुनायी थी। उन पर जुर्माना भी लगाया गया था। नियम के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते।

इसी वजह से हार्दिक ने आठ मार्च को एक बार फिर गुजरात हाई कोर्ट का रूख किया। उनके वकील रफीक लोखंडवाला ने यूएनआई को बताया कि उन्होंने अदालत में दी अर्जी में विसनगर की अदालत की सजा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है ताकि हार्दिक के चुनाव लड़ने में परेशानी न हो या उन्हें अयोज्ञ न ठहराया जा सके।

ज्ञातव्य है कि उक्त मामले में अदालत ने कुल 17 में से 14 आरोपियों को बरी कर दिया था जबकि हार्दिक तथा दो अन्य को उक्त सजा सुनायी थी। हार्दिक को बाद में हाई कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी थी पर निचली अदालत के फैसले रद्द करने की उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं दिया था। इसकी सुनवाई अब भी लंबित है।

श्री लोखंडवाला ने कहा कि दो साल की सजा पर रोक नही लगाये जाने पर उनके मुवक्किल के चुनाव लड़ने में अयोज्ञता का सवाल सामने आ सकता है।

हार्दिक की अर्जी पर सुनवाई से पूर्व में हाई कोर्ट के एक अन्य जज न्यायमूर्ति आर पी धोलरिया ने इंकार कर दिया था। इसके बाद यह मामला न्यायमूर्ति उरैजी की अदालत में आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve − 10 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।