कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बीच सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल एवं गैर सरकारी कामकाज के निलंबन से जुड़ा प्रस्ताव सोमवार को लोकसभा में रखा जिसे निचले सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी। विपक्षी दलों ने प्रश्नकाल के निलंबन का विरोध किया और सरकार पर सवालों से बचने का आरोप लगाया जिस पर सरकार ने कहा कि यह असाधारण परिस्थिति है जिसमें राजनीतिक दलों को सहयोग करना चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सत्र का आयोजन असाधारण परिस्थितियों में हो रहा है और यह तय हुआ कि सदन चार घंटे के लिये चलेगा । इस दौरान प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं रखने के विषय पर संसदीय कार्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने विभिन्न दलों के नेताओं से बात की थी ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भी विभिन्न दलों के नेताओं से बात की और अधिकतर दलों ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की थी ।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ मैं सभी दलों के सदस्यों से अनुरोध करना चाहता हूं कि असाधारण परिस्थितियों में सत्र प्रारंभ हो रह है और आप सभी का सहयोग चाहिए । ’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि सत्र के दौरान अतारंकित प्रश्नों के जरिये सदस्य प्रश्न पूछ सकते हैं और शून्यकाल में स्पष्टीकरण भी मांग सकते हैं । इससे पहले लोकसभ अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वैश्विक स्तर पर असाधारण परिस्थितियों में सभी से सहयोग अपेक्षित है। लोकसभा के नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत सभी को पर्याप्त समय और अवसर दिया जायेगा । सरकार ने भी इस पर सहमति जतायी है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस संबंध में लोकसभा में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि सरकार सवालों से भाग नहीं रही है और वह सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है। सदन ने प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज के निलंबन से जुड़े प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।