ISRO के इतिहास के सर्वाधिक जटिल मिशन में एक है चंद्रयान-2 : कस्तूरीरंगन - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

ISRO के इतिहास के सर्वाधिक जटिल मिशन में एक है चंद्रयान-2 : कस्तूरीरंगन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन ने चंद्रमा पर भारत का दूसरा अभियान चंद्रयान-2 को इसरो के इतिहास में सबसे जटिल मिशन में एक करार दिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन ने चंद्रमा पर भारत का दूसरा अभियान चंद्रयान-2 को इसरो के इतिहास में सबसे जटिल मिशन में एक करार दिया है। 
डॉ, कस्तूरीरंगन ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि इसरो अपनी शुरुआत से अब तक के सबसे जटिल मिशन में से एक चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग कर रहा है। इसमें चंद्रमा की कक्षा में ऑर्बिटर भेजने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य है जो चंद्रमा का चक्कर लगायेगा। इसके बाद इसमें एक हिस्से यानी लैंडर को अलग कर चंद्रमा की सतह पर उतारा जायेगा। अंतत: लैंडर से एक रोवर निकलकर लैंडिंग वाली जगह के आसपास घूमकर स्वयं चंद्रमा की भूगर्भशास्त्रीय तथा चंद अन्य विशेषताओं की जानकारी जुटायेगा।’’ 
इसरो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर शनिवार जारी इस संदेश में डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा कि अभी तत्काल लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मिशन पूरी तरह सफल रहे और इसकी लॉन्चिंग तथा ऑपरेशन सफल रहें। उन्होंने इसरो को इसके लिए शुभकामनायें दी हैं। 
चंद्रयान-2 की लॉनि्चंग 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे होनी है। प्रक्षेपण का रिहर्सल शुक्रवार को पूरा हो चुका है। इसकी उल्टी गिनती रविवार शाम 6:51 बजे शुरू होगी। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एमके-3 प्रक्षेपणयान के जरिये इसे प्रक्षेपित किया जायेगा। 
इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की बनावट, वहाँ की जमीन, उसमें मौजूद खनिजों तथा रसायनों का अध्ययन करना है। मिशन के तहत यह भी पता लगाने की कोशिश की जायेगी कि चंद्रमा पर पानी किस मात्रा में मौजूद है। चंद्रयान-1 ने पृथ्वी के इस उपग्रह पर पानी की खोज की थी। 
इसरो ने आज एक ट्वीट में कहा, ‘‘पृथ्वी और चंद्रमा के बीच हममें से अधिकतर लोग जितना सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा समानतायें हैं। इन समानताओं के अध्ययन से हम धरती को बेहतर समझ सकेंगे। हम चंद्रयान-2 के जरिये यह करने की उम्मीद रखते हैं।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6 − 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।