मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शिक्षकों का आव्हान किया है कि वे अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से नई पीढ़ी के दिल-दिमाग पर हमेशा सकारात्मक प्रभाव डालने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक अगर चाहें तो अपनी कक्षा के बच्चों पर प्रभाव और दुष्प्रभाव दोनों डाल सकते हैं, लेकिन एक अच्छा शिक्षक ऐसा प्रभाव डालता है कि उसकी दी हुई शिक्षा बच्चों को आजीवन याद रहती है। मैं भी अपने बचपन के अनेक शिक्षकों को आज भी याद करता हूं।
मुख्यमंत्री आज यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने की। संसदीय सचिव श्री अम्बेश जांगड़े विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह में मुख्यमंत्री ने देश के द्वितीय राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जन्म दिन पूरी विनम्रता के साथ देश के शिक्षकों के नाम समर्पित कर दिया।
आज हम सब उनकी जन्म जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मना रहे हैं। वे लगभग 40 साल तक शिक्षक रहे। डॉ. राधाकृष्णन का जीवन इस बात का उदाहरण है कि एक आदर्श शिक्षक किस ऊंचाई तक पहुंच सकता है। समारोह का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय और राष्ट्रीय शिक्षक कल्याण प्रतिष्ठान द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने डॉ. राधाकृष्णन और देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने समारोह में 45 शिक्षकों को शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह और पुरस्कार राशि से सम्मानित किया।
इनमें से 41 शिक्षकों को वर्ष 2016 के राज्य स्तरीय पुरस्कार से और चार शिक्षकों को प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर स्थापित राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार से नवाजा गया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आठ सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 56 हजार स्कूलों में दो लाख 44 हजार शिक्षक लगभग 56 लाख बच्चों के भविष्य निर्माण का कार्य बखूबी कर रहे हैं।
समारोह में सम्मानित हो रहे शिक्षकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लाख 44 हजार शिक्षकों के बीच से आपका चयन इन पुरस्कारों के लिए हुआ है। समारोह की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने की। संसदीय सचिव श्री अम्बेश जांगड़े विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने राज्य शिक्षक पुरस्कार वर्ष 2017 के लिए चयनित 37 शिक्षकों के नामों की भी घोषणा की, जिन्हें अगले वर्ष के शिक्षक दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा।
मुख्य अतिथि की आसंदी से आज के समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए हो रहे प्रयासों की भी तारीफ की। उन्होंने इस दिशा में शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप, सचिव श्री विकासशील और विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के योगदान को भी रेखांकित किया। डॉ. सिंह ने कहा – राज्य सरकार ने स्कूलों को सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़कर छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और प्राचार्यों की उपस्थिति के आंकड़ों और हर स्कूल की जरूरी सूचनाओं को ऑन लाइन संकलित करने की योजना बनाई है। इसके लिए स्कूलों को कम्प्यूटर टेबलेट दिए जा रहे हैैं।
इसके जरिये विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर उनकी मॉनिटरिंग की जा सके। बहुत जल्द इस योजना के तहत प्रत्येक स्कूल को मुख्यमंत्री डैश बोर्ड से भी कनेक्ट कर दिया जाएगा। इस प्रकार हमारे दो लाख 44 हजार शिक्षक, उनके 56 लाख विद्यार्थी और करीब 56 हजार स्कूल भी मेरे डैश बोर्ड से ऑन लाइन जुड़ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने आज के समारोह में रायपुर जिले के विकासखंड अभनपुर और जिला कबीरधाम के विकासखंड कवर्धा के सभी स्कूलों को कम्प्यूटर टेबलेट वितरण का भी शुभारंभ किया।
डॉ. सिंह ने कहा – कम्प्यूटर टेबलेट में स्कूल अपनी विभिन्न कक्षाओं के रिजल्ट को भी अपलोड कर सकेंगे। मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री और विभाग के सचिव इसके जरिये प्रत्येक स्कूल की ऑन लाइन मॉनटरिंग कर सकेंगे। डॉ. सिंह ने कहा – निकट भविष्य में शिक्षकों का वेतन भुगतान भी हर महीने की पहली तारीख को हो ऑन लाइन कर दिया जाएगा। स्कूलों को ऑन लाइन करने पर कई तरह के खर्चों में भी बचत होगी। शिक्षा के क्षेत्र में नई टेक्नॉलाजी के इस्तेमाल की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार का यह एक बड़ा कदम होगा। ण्डॉ. रमन सिंह ने बच्चों के मस्तिष्क पर शिक्षकों के व्यक्तित्व और कृतित्व के प्रभाव का उल्लेख करते हुए अपने बचपन के शिक्षकों को भी याद किया।