पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आजादी की पहली लड़ाई में बाबू वीर कुंवर सिंह की भूमिका की विस्तृत चर्चा की आवश्यकता जताते हुए आज कहा कि उनके संघर्ष की कहानी से युवाओं में आत्मबल बढ़ेगा। पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र के बापू सभागार में वीर कुंवर सिंह के 160वें विजयोत्सव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई में बाबू वीर कुंवर सिंह की भूमिका की विस्तृत चर्चा नहीं होती है।
महानायकों के जीवन से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह अगस्त 1857 से 9 महीने का लंबा मार्च करते हुए 22 अप्रैल को जगदीशपुर लौटे। वर्तमान सड़क मार्ग से यह दूरी 2380 किलोमीटर है, जबकि पहले की सड़कें आज की तरह नहीं हुआ करती थीं, अतः ऊबड़ खाबड़ रास्ता होने की वजह से यह दूरी दुगुनी हो जाएगी।
नीतीश ने कहा कि मार्च के दौरान बाबू वीर कुंवर सिंह देश के विभिन्न क्षेत्रों में गए। उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह ने अनेक जगहों पर अंग्रेजों से युद्ध लड़ा और उनकी पकड़ में नहीं आए, इसके लिए उन्होंने छापामार युद्ध की रणनीति को अपनाया। नीतीश ने कहा कि आजादी की पहली लड़ाई में कुंवर सिंह की भूमिका पर कुछ पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। नई पीढ़ी इसके द्वारा पूरी बातों को जानेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर कुंवर सिंह के संघर्ष की कहानी से युवाओं में आत्मबल बढ़ेगा।सभा को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, आधुनिक भारतीय इतिहास के विद्वान सलिल मिश्रा और लेखक एवं निदेशक शशांक सिन्हा ने भी संबोधित किया।
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