जम्मू-कश्मीर में सियासी उठापटक के बीच रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शहीद औरंगजेब के परिजनों से मुलाकात की। वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले स्थित औरंगजेब के घर गईं। बीते दिनों सेना के जवान शहीद औरंगजेब आतंकियों के द्वारा अपहरण कर मारे गए थे। निर्मला ने काफी देर तक औरंगजेब के पिता से बात की। शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज मैंने औरंगजेब के परिवार के साथ समय बिताया, ये परिवार पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
#WATCH: Defence Minister Nirmala Sitharaman meets the family of Sepoy Aurangzeb in J&K’s Poonch. Aurangzeb was abducted from Pulwama by terrorists and later his bullet-ridden body was recovered on June 14, #JammuAndKashmir pic.twitter.com/xv2sobrq18
— ANI (@ANI) June 20, 2018
इससे पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी उनके परिवार से मुलाकात की थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सीजफायर खत्म होने से एक दिन पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब को मार दिया था।
Defence Minister Nirmala Sitharaman meets the family of Sepoy Aurangzeb in J&K’s Poonch. Aurangzeb was abducted from Pulwama by terrorists and later his bullet-ridden body was recovered on June 14, #JammuAndKashmir pic.twitter.com/Oy0y25DVTF
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दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए जाने के बाद मार दिए गए राइफलमैन औरंगजेब को पुंछ जिले के सलानी गांव में भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी नारों के बीच रविवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। गमगीन माहौल के बावजूद जवान के परिवार में देश सेवा का हौसला बना हुआ है।
Defence Minister Nirmala Sitharaman meets the family of Sepoy Aurangzeb in J&K’s Poonch. Aurangzeb was abducted from Pulwama by terrorists and later his bullet-ridden body was recovered on June 14, #JammuAndKashmir pic.twitter.com/GD5e0w7gQA
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बता दे 14 जून की सुबह औरंगजेब ईद मनाने के लिए अपने राजौरी में स्थित अपने गांव जा रहे थे। इसी दौरान पुलवामा के कालम्पोरा से आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था। 14 जून की शाम पुलिस और सेना के संयुक्त दल ने औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु नाम के एक गांव में बरामद किया था। उनके सिर और गर्दन पर गोलियां मारी गई थीं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक शहीद जवान की हत्या से पहले उन्हें टॉर्चर भी किया गया था।
पूर्व सैनिक हैं पिता, दिखाया जज्बा
औरंगजेब के पिता और जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के पूर्व सिपाही मोहम्मद हनीफ ने कहा, ‘‘मेरे बेटे ने देश के लिए अपना प्राण न्यौछावर किया, वह बहादुर जवान था। मैं और मेरे बेटे भी देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं।’’ औरंगजेब के चार भाइयों में सबसे छोटे 15 वर्षीय आसिम अपने भाई की हत्या से टूटे नहीं हैं और वह अपने बड़े भाई की तरह ही सेना में शामिल होना चाहते हैं।
औरंगजेब को जब अगवा किया गया उस वक्त आसिम उनसे फोन पर बात कर रहे थे.असिम ने कहा, ‘‘मेरा भाई निजी गाड़ी से पुंछ आ रहा था, वह मुझसे बात कर रहे थे। मैंने गाड़ी रूकवाने की आवाज सुनी. मुझे लगा कि कुछ जांच हो रही है, मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि मेरे निहत्थे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है। ’’
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