इस साल अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद कई यात्रियों की मौत हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक पिछले 36 घंटों के दौरान पांच और अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई। जिसके बाद इस साल की यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। गुरुवार (13 जुलाई) सुबह मरने वाले पांच पीड़ितों में एक साधु भी शामिल है।जिसमें अधिकांश तीर्थयात्रियों की मौत हृदय गति रुकने से हुई। प्राकृतिक कारणों से होने वाली मौतों में ये यात्रा के दौरान एक दिन में होने वाली सबसे अधिक मौतें हैं।
इस साल अब तक यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 24 हुई
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, यात्रा के पहलगाम मार्ग पर चार लोगों की मौत हो गई जबकि बालटाल मार्ग पर एक की मौत हो गई। मरने वाले जिन चार तीर्थयात्रियों की पहचान की गई है वे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के हैं। वहीं एक पीड़ित की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। जिसके बाद इन पांच मौतों से इस साल अब तक यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या 24 हो गई है।
अधिकारियों ने बताई मौत की वजह?
अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों में यात्रा ड्यूटी पर तैनात एक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अधिकारी, एक साधु और एक सेवादार शामिल थे। उन्होंने बताया कि ऊंचाई पर कम ऑक्सीजन सांद्रता के कारण होने वाली हृदय गति रुकना अमरनाथ तीर्थयात्रियों और वहां तैनात सुरक्षाबलों के बीच मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है।
अब तक इतने लोग चुके हैं दर्शन
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 1,62,569 (1.62 लाख) तीर्थयात्री प्राकृतिक बर्फ के लिंगम निर्माण की झलक पाने के लिए गुफा मंदिर का दौरा कर चुके हैं। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई को अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू हुई। यात्रा 31 अगस्त को समाप्त होने वाली है।