रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जल जंगल जमीन हमारी पहचान है। यही हमारी विरासत भी है। किसी भी हाल में हम अपनी विरासत को खोने नहीं देंगे। अपने समाज को इतना मजबूत कर लें कि हमारी संस्कृति की ओर कोई नजर उठाकर भी ना देख सकेए इसके लिए हम हम सबों को मिलकर काम करना होगा। मुख्यमंत्री श्री दास आज रातू में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के तत्वाधान में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं।
सरना स्थलए मसना स्थलए हडग़ड़ीए जाहेर स्थान के सुंदरीकरण का बीड़ा उठाया है। इसके साथ ही गीतए संगीत और नृत्य की अपनी परंपरा को बचाए रखने के लिए सरकार गांव.गांव में अखाड़े शुरू करने जा रही है। कुछ विदेशी ताकतें हमारी संस्कृति पर प्रहार कर रही हैं। हमने धर्म स्वतंत्र विधेयक पास किया है। अब कोई भी धोखे सेए जबरन या लालच देकर भोले.भाले लोगों का धर्म परिवर्तन नहीं करा सकेगा।
श्री दास ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के विकास के लिए सजगता से काम कर रही है। 2018 तक हर घर को बिजली देने का हमारा संकल्प है और इसे हम पूरा करके रहेंगे। आजादी के 70 साल बाद भी झारखंड के ज्यादातर स्कूलों में बेंच डेस्क नहीं है। बच्चे जमीन पर बैठकर पढऩे को मजबूर हैं। इस वर्ष दिसंबर तक हमने लक्ष्य रखा है कि सभी स्कूलों में बेंच डेस्क पहुंच जाए। अब तक 28000 से ज्यादा स्कूलों में पहुंच गए हैं।
स्कूलों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए विद्युतीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही शिक्षकों की कमी को दूर करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। श्री दास ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोडऩे के लिए हम कौशल विकास पर विशेष जोर दे रहे हैं।
अगले माह सरकार 1000 दिन पूरे कर रही है। उस दिन हम अपनी सरकार के ढाई वर्षों का लेखा.जोखा पेश करेंगे। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले सभी ग्रुप को 5.5 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की। गुमला विधायक शिवशंकर उरांव और हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।