रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि आर्थिक गतिविधि में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों के बूते अगले ढाई वर्ष में झारखंड देश का सबसे विकसित राज्य बनकर उभरेगा। श्री दास ने यहां नाबार्ड द्वारा आयोजित स्वयं सहायता समूहों के रजत जयंती समारोह एवं नाबार्ड बैंक लिंकेज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड की महिलाओं का उदाहरण आज दूसरे राज्यों में दिया जा रहा है तथा कृषि, पशुपालन और कुटीर उद्योगों में सखीमंडल की महिलाओं ने राज्य का मान बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि उत्साह से लबरेज और अपार सहनशक्ति वाली इन महिलाओं को सम्मानित कर वह स्वयं सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य विकास के पायदान पर अगले ढ़ाई वर्षों में देश का सबसे विकसित राज्य बनकर उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह (सखी मंडल) ने झारखंड की ग्र्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई पहचान दी है। उन्होंने नाबार्ड सहित सभी बैंकों को राज्य के विकास में खुले मन से भागीदारी निभाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि अगले चार वर्षों में झारखंड की गरीबी समाप्त करना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। डेयरी फॉर्म तथा मत्स्य पालन एवं कुटीर उद्योगों में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। श्री दास ने कहा कि राज्य के 32 हजार गांव में समन्वयक 15-15 महिलाओं का सखीमंडल बनायेंगे जिन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार और बाजार से जोड़ा जाएगा।
इस तरह राज्य के चार लाख 80 हजार कौशल युक्त महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पेशेवर तरीके से मजबूती प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ग्रामीण स्तर पर हमारे उत्पादों का बाजार व्यापक होगा। झारखंड ही नहीं हम अपने उत्पाद देश के दूसरे राज्यों और विदेश भी भेजेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न जिलों में सखीमंडल के तैयार की गई कंबल, चादर तौलिया ही खरीदे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि एक लाख स्वयं सहायता समूहों को डिजिटाइज किया जाएगा। उत्पादन में नयी तकनीक का उपयोग क्रांति ला सकता है। प्रत्येक छह माह पर सखीमंडलों और बैंकरों के साथ एक बैठक सरकार आयोजित करेगी। श्री दास ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने यह माना था कि देश के करोड़ों गरीबों, शोषितों और वंचितों के उत्थान से ही देश का उत्थान होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी व्यापक सोच और विजन से देश की गरीबी दूर करने को अपनी प्राथमिकता बनाये हुए हैं। राज्य सरकार ने भी गांव में बैठकर विकास की रूपरेखा तैयार की। आम बजट को आम लोगों का बजट बनाया। ग्रामीण परिवहन को मजबूत बनाने के लिये 364 बसें अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों तथा महिलाओं द्वारा संचालित की जाएंगी। कार्यक्रम में नाबार्ड के सीजीएम एस. मंडल, रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक पी. बारला, एसएलबीसी के महाप्रबंधक प्रसाद जोशी, दिव्यायन के स्वामी भवेशानंद एवं राज्य भर से आये स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।