बिहार में नितीश के साथ सरकार बनाने के बाद अब बीजेपी ने अपना फोकस तमिलनाडु पर शिफ्ट कर दिया है। बीजेपी चाहती है तमिलनाडु में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कम से कम 120 सीटें जीत ले, ताकि राज्य में उसकी पैठ बन सके। आपको बता दे कि तमिलनाडु में अपनी स्थिति मजबूत करने और खुद को द्रविड़ विरासत को संभालने की प्रबल दावेदार के तौर पर पेश करने के लिए अब बीजेपी पूरी तरह तैयार है। पूर्व सीएम जे. जयललिता के निधन और DMK चीफ एम करुणानिधि के सक्रिय राजनीति से दूरी बनाने के बाद बनी खाली जगह को भरने के लिए बीजेपी जुट गई है।
ऐसे में बीजेपी का प्लान है कि वो ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते। 2016 के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक नई रणनीति तैयार की है।
बता दे कि पार्टी राज्य में लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए विस्तारक कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें फिलहाल बीजेपी ने 10 हजार पदाधिकारियों को अपने विस्तारक कार्यक्रम में लगा दिया है। इनका काम लोगों से संपर्क स्थापित करके उन्हें मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताना है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीजेपी की मेंबरशिप के लिए तैयार करना है। एक बीजेपी नेता के मुताबिक जयललिता के भरोसेमंद उत्तराधिकारी पन्नीरसेल्वम पीएम मोदी की पसंद बन गए हैं लेकिन अगर पलानीसामी शशिकला के परिवार को दूर रखे तो बीजेपी को ईपीएस कैंप से भी गुरेज नहीं हैं।
वही राज्य में पार्टी की संभावनाओं को तलाशने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 22, 23 अगस्त को दौरा करेंगे। शाह राज्य के ओबीसी नेताओं से मिलेंगे। शाह का गेम प्लान कांग्रेस के साथ-साथ डीएमके को भी बाहर करने का है जो राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के बाद से खाली हो गया है।
वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एल. गणेशन ने कहा कि अमित शाह का दौरा पार्टी कार्यकर्ताओं को 2019 आम चुनाव के लिए तैयार करने के लिए है। गणेशन ने कहा कि बीजेपी किसी दूसरी पार्टी की कमजोरियों पर निर्भर नहीं है। हमारी पार्टी के आधार का विस्तार हुआ है। सूत्रों के मुताबिक शाह के तमिलनाडु आने पर कुछ चौंकाने वाली घोषणाएं भी की जा सकती हैं।
ओ पन्नीरसेल्वम वाला धड़ा लगातार पीएम नरेंद्र मोदी के साथ संपर्क में रहा है और पन्नीरसेल्वम के करीबी सूत्र के मुताबिक वह अमित शाह के तमिलनाडु दौरे पर उनसे मुलाकात भी करेंगे। गणेशन ने कहा, ‘हम किसी पार्टी को तोड़ना नहीं चाहते। बल्कि, हम चाहते हैं कि AIADMK सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। उन्हें एकता बनाए रखनी चाहिए।’ एक हफ्ते से कम समय के अंदर पन्नीसेल्वम और पीएम मोदी की दो मुलाकात ने मुख्यमंत्री ईं. पलानीसामी धड़े में हलचल पैदा कर दी थी।