मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए बीजेपी ने अपनी कमर कस रखी है। हालांकि अभी भी मध्यप्रदेश में बीजेपी की ही सरकार है। लेकिन कांग्रेस के इस बदलते रुख को देखते हुए बीजेपी अपनी हर कोशिश कर रही है जिससे वो सिर्फ कांग्रेस को ही नहीं बल्कि उभरते हुए अन्य विपक्षी दलों को भी चुनावी अखाड़े में हरा सकें। मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल 29 लोकसभा सीटें हैं। साथ ही 230 विधान सभा सीटें हैं। और बीजेपी इनमे से एक भी सीट को छोड़ना नहीं चाहती और सभी को अपने नाम करना चाहती है। क्योंकि पिछले साल ही लोकसभा के चुनाव है, और मध्यप्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन उनके लोकसभा चुनावों में काफी मददगार रहेगा।
अमित शाह की मध्यप्रदेश में ताबड़तोड़ दौरे
मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी चुनावों को लेकर इस बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद पुरे चुनाव की बागडोर अपने हाथों में ले रखे हैं। जिस कारण वो एक महीने के अंदर मध्यप्रदेश का 2 बार दौरा कर चुके हैं। इस बार अमित शाह का मध्यप्रदेश में ताबड़तोड़ दौरा काफी आश्चर्यजनक है। अमित शाह नेताओं को सख्त हिदायते देते हैं। यही नहीं बल्कि वो नेताओं को दिशा दिखाने के साथ-साथ फटकार लगाने में भी कोई कमी नहीं छोड़ते। राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के धारधार लड़ाई देखने लायक है, जहां दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को निचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। राहुल गाँधी के वापस आने के बाद कांग्रेस का दबदबा भी काफी बढ़ गया है।
क्या है अमित शाह के सख्ती बरतने की वजह ?
मध्यप्रदेश में चुनावी कमान केंद्रीय नेतृत्व को सौपी गयी है। जिस कारण अमित शाह खुद ही लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। बता दें की बीजेपी की ग्वालियर में हुई बैठक में अमित शाह ने नेताओं से ये तक कह दिया की अगर वो अपना काम सही से नहीं करते तो इस इलाके में बीजेपी का जीतना बेहद मुश्किल रहेगा। जिला अध्यक्ष संगठन के मुताबिक पार्टी सही लहजे में काम करते हुए नज़र नहीं आ रही. और ये रिपोर्ट अमित सह तक पहुँच चुकी है, और यही वजह है जिसके कारण अमित शाह इतनी सख्ती बरत रहे हैं।