बेलगावी पर दावेदारी को लेकर महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के बीच सीमा विवाद मंगलवार को और बढ़ गया तथा दोनों राज्यों के सीमा क्षेत्र के अंदर एक-दूसरे के वाहनों को निशाना बनाया गया।
महाराष्ट्र के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल का बेलगावी जाकर मराठी समर्थक समूह से मिलने का कार्यक्रम था जिसे स्थगित कर दिया गया, जबकि परिवहन निगम एमएसआरटीसी ने पुलिस के परामर्श का हवाला देते हुए दक्षिणी राज्य में बस सेवाएं निलंबित कर दी।
सीमा विवाद बढ़ने के बीच कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने मंगलवार रात को फोन पर एक-दूसरे से बात की और दोनों राज्यों में शांति तथा कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने पर सहमति जतायी।
इस बीच, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बोम्मई से बात की और उनके राज्य के वाहनों पर कर्नाटक में पथराव किये जाने की खबरों पर चर्चा की। फडणवीस ने कहा कि वह इस विषय को केंद्र के समक्ष उठाएंगे।
महाराष्ट्र के मंत्रियों, चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई का मंगलवार को बेलगावी जाने का कार्यक्रम था लेकिन कन्नड़ संगठनों के नेताओं के विरोध के कारण इसे बाद में स्थगित कर दिया गया। कार्यकर्ताओं ने तख्ती, पोस्टर, बैनर के साथ प्रदर्शन किया और मुद्दे को उठाने के लिए महाराष्ट्र के ख्रिलाफ नारेबाजी की। खबर है कि कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के पंजीकरण वाले ट्रकों की ‘नंबर प्लेट’ पर काला रंग पोत दिया।
बोम्मई ने इससे पहले अधिकारियों को महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल के संभावित दौरे के मद्देनजर कदम उठाने को कहा था और स्पष्ट किया था कि सरकार कानूनी कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकेगी।
कर्नाटक के साथ सीमा विवाद को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने मंगलवार दोपहर पुलिस की सलाह पर पड़ोसी राज्यों के लिए बस सेवा स्थगित कर दी।
एमएसआरटीसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शेखर चाने ने बताया कि यह फैसला कर्नाटक की यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा और संपत्ति को होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए किया है। उन्होंने बताया कि निगम ने पुलिस की सलाह पर बस सेवा मंगलवार दोपहर स्थगित करने का फैसला किया।
बेलगावी जिला प्रशासन ने सोमवार को आदेश जारी कर महाराष्ट्र के मंत्रियों और नेताओं के शहर में दाखिल होने पर रोक लगा दी थी। उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट नीतेश पाटिल ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत आदेश जारी कर प्रवेश पर रोक लगा दी।
फडणवीस ने दोनों राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद पर अदालत के मामले के संबंध में कानूनी दल से समन्वय करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले महीने दो मंत्रियों को नियुक्त किए जाने के बाद कर्नाटक पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारित हुए हैं जिनमें कुछ लोग बेलगावी के हीरेबागौड़ी टोल बूथ पर महाराष्ट्र से कर्नाटक में दाखिल होते वाहनों पर पत्थरबाजी करते दिख रहे हैं। यह घटना सामने आने के बाद फडणवीस ने बोम्मई से बात की और वाहनों की सुरक्षा का भरोसा लिया।
फडणवीस के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने ‘‘ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को फोन कर हीरेबागौड़ी में हुई घटना पर नाखुशी जताई।’’ उन्होंने बताया,‘‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने फडणवीस को भरोसा दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि महाराष्ट्र से आने वाले वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।’’
फडणवीस ने कहा, ‘‘मैं आज की घटना के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सूचित करने जा रहा हूं। अगर दोनों राज्यों के बीच ऐसी घटनाएं होती हैं तो यह अच्छी चीज नहीं है।’’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बेंगलुरु में जोर देकर कहा कि उनकी सरकार सीमा और कन्नड़ भाषियों के हितों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस मुद्दे का संबंध वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से होने से इनकार किया।
उन्होंने कहा,‘‘आगामी विधानसभा चुनाव और कर्नाटक के सीमा पर रुख का कोई संबंध नहीं है। कई सालों से महाराष्ट्र इस मुद्दे को हवा दे रहा है।’’ बोम्मई ने कहा कि महाराष्ट्र ने इस विवाद को उठाया और कर्नाटक की ओर से प्रतिक्रिया आई।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने दोनों राज्यों के बीच सौहार्द्र कायम किया और इसे बाधित नहीं किया जाना चाहिए
बोम्मई ने कहा, ‘‘यह मुद्दा उच्चतम न्यायालय के समक्ष है। हमारा रुख कानूनी और संवैधानिक है, इसलिए हमें भरोसा है कि हम इस कानूनी लड़ाई को जीतेंगे। हमारे लिए इस मुद्दे को चुनाव के लिए उठाने का सवाल ही नहीं है। हम अपनी सीमाओं और लोगों की रक्षा को प्रतिबद्ध हैं और साथ ही उन कन्नड भाषियों के प्रति भी जो महाराष्ट्र, तेलंगाना और केरल में रह रहे हैं।’’
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने पाटिल और देसाई को ‘‘कायर’’ बताया। उन्होंने शिंदे-भाजपा सरकार को ‘‘कमजोर और असहाय’’ भी बताया।
यहां पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा कि शिवसेना दशकों पहले कर्नाटक के साथ पैदा हुए सीमा विवाद के बाद से मुंहतोड़ जवाब देती रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने दोनों राज्य के सीमावर्ती इलाके में स्थिति को ‘चिंताजनक’ करार देते हुए कहा कि वहां जो कुछ हो रहा है उसे देखते हुए अब स्पष्ट रूख तय करने का वक्त आ गया है।
पवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ महाराष्ट्र ने संयम बरतने का रुख अपनाया और वह इसपर कायम रहने को तैयार हैं। लेकिन इसकी भी सीमा होती है। अगर 24 घंटों में वाहनों पर हमले नहीं रुकते तो सब्र का बांध टूट जाएगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कर्नाटक सरकार पर होगी।’’
पुणे में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने स्वरगेट इलाके में कर्नाटक राज्य परिवहन की कम से कम तीन बसों पर काले और नारंगी रंग का पेंट पोत दिया। उन्होंने बस पर ‘जय महाराष्ट्र’ लिख दिया।
सीमा का मुद्दा भाषायी आधार पर दोनों राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1957 से है। महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा जाता है जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था क्योंकि वहां अच्छी-खासी तादाद मराठी बोलने वाले लोगों की है। उसने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा जताया है जो अभी दक्षिणी राज्य का हिस्सा हैं।