हरिद्वार : अलकनंदा घाट पर राष्ट्रीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन किसानों ने विभिन्न समस्याओं के निराकरण को लेकर सरकार पर हल्ला बोला। भाकियू अंबावता के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि किसानों की दशा दिशा सुधारने में सरकार उचित कदम नहीं उठा रही है। किसान लगातार कर्ज तले दब रहा है। उन्होंने कहा कि बिचैलियों के कारण चीनी मिलों में बकाया भुगतान किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
जिसके चलते किसानों की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। उन्होंने गंगा तट से आह्वान करते हुए कहा कि संगठन की शक्ति तभी संभव है। जब किसान संगठित होकर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष गंभीरतापूर्वक रखें। किसानों की दिन प्रतिदिन बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण किसान परिवारों का भरण पोषण नहीं कर पाता है। उन्होंने मांग की कि आपदा व ओलावृष्टि जैसी घटनाओं में किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
किसान मुआवजे की मांग को लेकर इधर उधर भटकता रहता है। लेकिन सरकारी मशीनरी किसानों की समस्या को हल नहीं कर पाती है। ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर उनका भी विरोध किया जाना जरूरी है। ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर में भारत के विभिन्न राज्यों से आए किसान अपनी समस्याओं को चिंतन शिविर के माध्यम से सरकार के समक्ष रखें।
उन्होंने राज्य सरकार पर भी दोहरी नीति का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के लिए घोषणाएं तो कर दी जाती हैं। लेकिन घोषणाओं का सही तरीके से अनुपालन नहीं हो पाता है। चौधरी ऋषिपाल अंबावता ने बताया कि राष्ट्रीय किसान आयोग गठित किए जाने की मांग को लेकर 1 जुलाई से लखनऊ में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। आंदोलन में देश भर से हजारों किसान भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि किसान आयोग के गठन के लिए केंद्र सरकार को 20 दिन का समय दिया गया है। यदि 20 दिन में किसान आयोग के गठन की कार्यवाही शुरू नहीं की जाती है तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
– संजय चौहान