कर्नाटक : सिद्दारमैया सरकार जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने को लेकर असमंजस में - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

कर्नाटक : सिद्दारमैया सरकार जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने को लेकर असमंजस में

जाति जनगणना को लेकर चर्चा जोर – शोर से होती है। शायद इस से राजनीतिक दल कुछ विशेष समुदाय को अपने पक्ष में करने सहयता मिले। बिहार सरकार ने जनगणना करावा कर आंकड़े जारी भी कर दिए है। जिसके बाद सभी राजनीतिक दलों की इसे लेकर अपनी – अपनी अलग राय है। इसे लेकर यहां तक भी कहा गया इसकी क्या आवश्यकता है। लेकिन अब इंडिया गठबंधन की बड़ी पार्टी कांग्रेस को अपने राज्यों में इसे जारी करने में भय सता रहा है।

गांधी जयंती के मौके पर जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी

बिहार सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी की है।
कर्नाटक में कांग्रेस के मंत्री मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर राज्य की जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार करने और उत्पीड़ित वर्गों को न्याय देने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री लोकसभा चुनावों से पहले सावधानीपूर्वक अपनी रणनीति बना रहे हैं।उन्‍होंने प्रभावशाली जाति समूहों, विशेष रूप से वोक्कालिगा और लिंगायतों को कभी नाराज नहीं किया था।

राज्य सरकार चर्चा कर रही
पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली ने कहा है कि जातीय जनगणना रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और जल्‍द ही जारी की जाएगी। उन्होंने कहा, ”इसे जल्द ही स्वीकार किया जाना चाहिए और लागू किया जाना चाहिए। सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने राज्य में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक जनगणना कराने के लिए 162 करोड़ रुपये खर्च किए थे। हम पर रिपोर्ट लागू करने का दबाव है।” जारकीहोली ने कहा कि राज्य सरकार चर्चा कर रही है और रिपोर्ट के कार्यान्वयन के बाद जनसंख्या के अनुसार लोगों को प्रतिनिधित्व देना और बजट में धन उपलब्ध कराना संभव है।

जाति जनगणना रिपोर्ट का कार्यान्वयन महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा, ”इस पृष्ठभूमि में जाति जनगणना रिपोर्ट का कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।” कांग्रेस एमएलसी और पार्टी के वरिष्ठ नेता बी.के. हरिप्रसाद ने नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार करने का साहस दिखाएं और जनसंख्या के अनुसार लाभ देने के उपाय करें। जाति जनगणना के नाम से मशहूर सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2015 में एच. कंथाराज की अध्यक्षता वाले कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (केएसबीसीसी) द्वारा किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

10 + nine =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।