भोपाल (मनीष शर्मा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राजा शंकरशाह कुंवर रघुनाथ शाह को जब तोप से उड़ाया होगा तब कैसा लगा होगा देश भक्तों को। इन बलिदानियों के कारण ही हम 75 साल से आजादी की सांस ले रहे हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प के कारण गुमनाम शहीदों को याद कर रहे हैं। पिछली बार जब जबलपुर आया था तब इन दो बलिदानियों की वीरगाथा को सुना था।
शाह ने कहा देश में अनेक ऐसे बलिदानी हैं जिन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। हम ऐसे बलिदानियों को नहीं भुला सकते। जाने अनजाने सभी स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों को याद किया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि मप्र के छिंदवाड़ा, छत्तीसगढ़ के रायपुर सहित देशभर में नौ जनजाति संग्रहालय बनाए जाएंगे। इसमें 200 करोड़ का बजट रखा गया है।
श्री शाह ने कहा है कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर अमर बलिदानी राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता। दोनों पिता-पुत्र ने गुलामी की जंजीरों से देश को आजाद कराने के लिए अपना बलिदान दे दिया था। इनके कारण ही हम 75 साल से स्वतंत्रता की सांस ले रहे हैं। 1857 से शुरू हुई आजादी की लड़ाई 15 अगस्त 1947 को खत्म हुई। इस वर्ष हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव मनाएंगे और देश के लिए बलिदान देने वालों को याद करेंगे। क्योंकि इतिहास लिखा गया तो उनका नाम नहीं लिखा गया।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 89 विकासखंड में राशन वितरण का काम किया जाएगा। जनजातीय लोगों को मिलेगा फायदा। राशन वितरण में जो गाड़ी लगेगी वो भी जनजातीय वर्ग के लोगों की ही लगाई जाएगी।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें कई आदिवासियों को भूल गए। राजा शंकर नायक, टंट्या मामा, भीमा नायक को भूल गए। कांग्रेस ने कभी जनजातीय वर्ग के लिए काम नहीं किया।
श्री चौहान ने कहा कि छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह के नाम पर किया जाएगा। जिससे उनके नाम को अमर कर सकें।चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने पैसा एक्ट लागू नहं किया। सिर्फ बात करते रहे। भाजपा सरकार एक ऐतिहासिक फैसला कर रही है। पेसा एक्ट चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह जनजातीय भाइयों और बहनों के लिए लागू किया जाएगा। अमली जामा पहनाने के लिए सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों की जिम्मेदारी ग्राम सभा को देने की शुरुआत करेंगे। इस मौके पर मध्यप्रदेश के वन मंत्री विजय शाह भी मौजूद थे।