रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव से पहले वार्डों के परिसीमन के बाद उठापटक भी तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में बगावत का डर सता रहा है। कई वार्डों से दावेदारी कर रहे नेताओं ने इस मामले में निर्दलीय ही मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। यही वजह है कि बगावत से बचने और अनुशासन का डंडा दिखाने की भी तैयारी हो रही है।
उपचुनाव जीतने के बाद जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने अनुशासन समिति गठित करने का निर्णय लिया है। समिति के जरिए ही बागी गतिविधियों प रनजर रहेगी। इस मामले में नए सिरे से पार्टी के रणनीतिकारो ने फार्मूला बनाया है।
इस र्फाूले के तहत ही टिकट का वितरण होगा। वहीं इसके लिए पैमाना भी तय किया जाएगा। भाजपा में पस्त पड़े कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय ताल ठोंकने की भी तैयारी की है। हालांकि जमीनी स्तर पर एक वार्ड से दूसरे वार्ड में संभावनाएं तलाश रहे दावेदारों का भी जमकर विरोध हो रहा है। इस मामले में भी सीधे तौर पर चेतावनी दी जा रही है कि व अपने गृह वार्ड छज्ञेड़कर दूयरे के वार्ड में दखल न दें। ऐसी स्थित में उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
हालांकि बगावत का डी तो दोनों ही दलों के नेताओं में बना हुआ है। यही वजह है कि इस मामले में अभी से नियंत्रण करने की कोशिशें हो रही है। प्रदेश में इस मामले में अनुशासन समिति की बैठक में गतिविधियों पर चर्चा होगी। इसके बाद ही नए सिरे से कोई निर्णय होगा। पार्टी के रणनीतिकारों ने जीतने योग्य दावेदारों को भी रोकने के लिए पूरी ताकत लगाई है। माना जा रहा है कि जल्दी ही इस मामले में पार्टी की बैठकों में मापदंड तय होंगे।